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लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन कर दिया है. यह अत्याधुनिक एक्सप्रेस-वे यूपी के बुंदेलखंड क्षेत्र के 7 जिलों से होकर गुजरेगा. इससे स्थानीय लोगों को राजधानी दिल्ली तक पहुंचने में आसानी होगी. इसके साथ ही क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में काफी सुधार होने वाला है. पीएम मोदी ने फरवरी 2020 में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की आधारशिला रखी थी. कोरोना महामारी के वक्त भी इसका निमार्ण कार्य जारी रहा. इसमें किसी तरह की कोई रुकावट नहीं आने दी गई. इस कारण ये डेडलाइन से 6 माह पहले ही तैयार हो गया. बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को जल्द आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा. इस एक्सप्रेस-वे को बनाने में 14,850 करोड़ रुपये का बजट लगा है.
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि जिस धरती ने अनगिनत शूरवीर पैदा किए, जहां के खून में भारत भक्ति बहती है, जहां के बेटे-बेटियों के पराक्रम और परिश्रम ने हमेशा देश का नाम रोशन किया है, उस बुंदेलखंड की धरती को आज एक्सप्रेसवे का उपहार देते हुए, उत्तर प्रदेश का सांसद होने के नाते मुझे बहुत खुशी हो रही है. मैं दशकों से उत्तर प्रदेश आता जाता रहा हूं, यूपी के आशीर्वाद से पिछले 8 साल से देश के प्रधानसेवक के रूप में कार्य करने का आप सबने जिम्मा दिया है. ये एक्सप्रेसवे यहां सिर्फ वाहनों को गति नहीं देगा, बल्कि ये पूरे बुंदेलखंड की औद्योगिक प्रगति को गति देगा. एक समय था जब माना जाता था कि यातायात के आधुनिक साधनों पर पहला अधिकार सिर्फ बड़े-बड़े शहरों का ही है. लेकिन अब सरकार भी बदली है, मिजाज भी बदला है. पुरानी सोच को पीछे छोडक़र, हम एक नए तरीके से आगे बढ़ रहे हैं.
यूपी नए संकल्पों को लेकर अब तेज गति से दौडऩे के लिए तैयार हो चुका है. यही सबका साथ है, सबका विकास है. कोई पीछे न छूटे, सब मिलकर काम करें, इसी दिशा में डबल इंजन की सरकार लगातार काम कर रही है. यूपी के छोटे-छोटे जिले हवाई सेवा से जुड़ें, इसके लिए भी तेजी से काम किया जा रहा है. इस एक्सप्रेसवे के बगल में जो स्थान हैं, वहां बहुत सारे किले हैं. यूरोप के बहुत सारे देशों में किले देखने का बहुत बड़ा पर्यटन उद्योग चलता है. मैं आज योगी सरकार से कहूंगा कि अब बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बनने के बाद आप भी इन किलो को देखने के लिए एक शानदार टूरिज्म सर्किट बनाईये.
डबल इंजन की सरकार में आज यूपी जिस तरह आधुनिक हो रहा है, ये अभूतपूर्व है. जिस यूपी में सरयू नहर परियोजना को पूरा होने में 40 साल लगे, जिस यूपी में गोरखपुर फर्टिलाइजर प्लांट 30 साल से बंद बड़ा था, जिस यूपी में अर्जुन डैम परियोजना को पूरा होने में 12 साल लगे. जिस यूपी में अमेठी रायफल कारखाना सिर्फ एक बोर्ड लगाकर खड़ा था, जिस यूपी में रायबरेली रेल कोच फैक्ट्री सिर्फ डिब्बों का रंग-रोगन करती थी, उस यूपी में आज इतनी गंभीरता से काम हो रहे हैं कि उसने अच्छे-अच्छे राज्यों को भी पीछे छोड़ दिया है.
एक समय में यूपी में सिर्फ 12 मेडिकल कॉलेज थे, आज यूपी में 35 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज हैं और 14 नए मेडिकल कॉलेज में काम चल रहा है. पहले की सरकार के समय यूपी में हर साल औसतन 50 किमी रेल लाइन का दोहरीकरण होता था, आज औसतन 200 किमी रेल लाइन का दोहरीकरण हो रहा है. 2014 से पहले यूपी में सिर्फ 11,000 कॉमन सर्विस सेंटर थे, आज यूपी में 1.30 लाख से ज्यादा कॉमन सर्विस सेंटर काम कर रहे हैं. विकास की जिस धारा पर आज देश चल रहा है उसके मूल में दो पहलू हैं. एक है इरादा और दूसरा है मर्यादा. हम देश के वर्तमान के लिए नई सुविधाएं ही नहीं गढ़ रहे बल्कि देश का भविष्य भी गढ़ रहे हैं.
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का शिलान्यास और लोकार्पण दोनों हमारी सरकार में हुआ. बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे भी इसी का उदाहरण है. इसका काम अगले साल फरवरी में पूरा होना था, लेकिन ये 7-8 महीने पहले ही सेवा के लिए तैयार है. हम समय की मर्यादा का पालन कैसे करते हैं, इसके अनगिनत उदाहरण यूपी में ही हैं. काशी में विश्वनाथ धाम के सुंदरीकरण का काम हमारी ही सरकार ने ही शुरु किया और हमारी सरकार ने ही पूरा किया. गोरखपुर एम्स का शिलान्यास भी हमारी सरकार ने किया और उसका लोकार्पण भी हमारी सरकार में हुआ.
हम कोई भी फैसला लें, निर्णय लें, नीति बनाएं, इसके पीछे सबसे बड़ी सोच यही होनी चाहिए कि इससे देश का विकास और तेज होगा. हर वो बात, जिससे देश को नुकसान होता है, देश का विकास प्रभावित होता है, उसे हमें दूर रखना है. आजकल हमारे देश में मुफ्त की रेवड़ी बांटकर वोट बटोरने का कल्चर लाने की कोशिश हो रही है. ये रेवड़ी कल्चर देश के विकास के लिए बहुत घातक है. इस रेवड़ी कल्चर से देश के लोगों को बहुत सावधान रहना है. रेवड़ी कल्चर वाले कभी आपके लिए नए एक्सप्रेसवे नहीं बनाएंगे, नए एयरपोर्ट या डिफेंस कॉरिडोर नहीं बनाएंगे. रेवड़ी कल्चर वालों को लगता है कि जनता जनार्दन को मुफ्त की रेवड़ी बांटकर, उन्हें खरीद लेंगे. हमें मिलकर उनकी इस सोच को हराना है, रेवड़ी कल्चर को देश की राजनीति से हटाना है.
इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, प्रधानमंत्री के करकमलों से 296 किलोमीटर एक्सप्रेस वे का लोकार्पण हुआ है. बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे उत्तरप्रदेश और बुन्देलखण्ड की अर्थव्यवस्था को नया आयाम देगा. प्रधानमंत्री के ग्रामोदय से राष्ट्रोंदय की परिकल्पना साकार हो रही है.घरौनी कार्यक्रम में जालौन पहला जिला बना जिसने इस कार्यक्रम को सबसे पहले पूरा किया. फरवरी 2020 में इस एक्सप्रेस वे का शिलान्यास प्रधानमंत्री ने चित्रकूट से किया था, कोरोना महामारी के बावजूद 28 महीने के रिकॉर्ड समय मे पूरा किया गया. बुन्देलखण्ड को 2014 के बाद विकास की सभी सुविधाएं मिलनी शुरू हुई, दशकों से यहां का आमजनमानस प्रतीक्षा करता था.
आजादी के अमृतवर्ष में बुन्देलखण्ड प्यास की समस्या दूर हो रही है,अतिरिक्त सिंचाई की कार्ययोजना पूरी हो रही है. बुंदेलखंड के हर घर मे नल योजना प्रधानमंत्री के मंशा को जल्दी पूरी होने जा रही है. बुन्देलखण्ड को दिल्ली से जोडऩे की इस कड़ी में मात्र 6 घंटे की दूरी रह जायेगी.