सनातन धर्म में सावन का महीना बहुत ही पवित्र माना जाता है। इस बार यह महीना 14 जुलाई से शुरू होकर 11 अगस्त तक चलेगा। इस महीने में चारों तरफ हरियाली छा जाती है और प्रकृति से जुड़ा हर प्राणी खुश रहता है। इस महीने में हरियाली अमावस्या का व्रत भी आता है। जिसमें पेड़-पौधों की पूजा के साथ-साथ नए पौधे भी लगाए जाते हैं। जो लोग पितृ दोष से पीड़ित हैं वे भी इस दिन कुछ विशेष उपाय करके इस दोष से छुटकारा पा सकते हैं। आइए जानते हैं इसके लिए क्या प्रक्रिया है।
सबसे पहले जान लें कि इस बार कब है हरियाली अमावस्या। हिंदू शास्त्रों के अनुसार इस बार हरियाली अमावस्या 27 जुलाई को रात 09:11 बजे से शुरू होकर 28 जुलाई को रात 11:24 बजे तक रहेगी. लेकिन इस पर्व का असली व्रत 28 जुलाई 2022 यानि गुरुवार को ही होगा.
यदि आप पितृ दोष से परेशान हैं तो सावन का यह महीना इस दोष से छुटकारा पाने का सबसे अच्छा समय है। आपको इस पूरे महीने भोला महादेव का ध्यान करना चाहिए और हरियाली अमावस्या पर कम से कम 108 बार ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करके शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। इसके साथ ही ध्यान योग करके पितृ दोष से मुक्ति के लिए भगवान शिव से प्रार्थना करनी चाहिए।
भगवान शंकर की पूजा के साथ-साथ आपको पीपल के पेड़ पर घी का दीपक भी जलाना चाहिए और उसकी परिक्रमा करनी चाहिए और अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगते हुए पितृ दोष को दूर करने की प्रार्थना भी करनी चाहिए। हो सके तो इस दिन आप किसी खुली जगह में पीपल का पौधा भी लगाएं। ऐसा माना जाता है कि जैसे-जैसे पीपल का पेड़ बड़ा होता जाता है, पितृ दोष दूर होता जाता है।
हिंदू शास्त्रों के अनुसार पितृ दोष को दूर करने के लिए आप हरियाली अमावस्या पर एक और उपाय भी कर सकते हैं। इसके तहत सूखा नारियल, 250 ग्राम चावल और 11 रुपये एक चौथाई मीटर सफेद कपड़े में बांधने के बाद उस गठरी को 21 बार घुमाना होगा. इसके बाद उस बंडल को ऐसी जगह रखना होगा जहां कोई उसे देख न सके। ऐसा करने के बाद पितरों को फल, इत्र, सफेद रंग की मिठाई और एक गिलास जल अर्पित कर अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगें। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से पितरों की प्रसन्नता होती है और व्यक्ति की गलतियों को क्षमा कर वे अपनी कृपा बरसाते हैं।
(यहां दी गई जानकारी सामान्य धारणाओं और सूचनाओं पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते है।)