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लखनऊ/बहराइच। जिले के पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाने का बीड़ा जिलाधिकारी डा. दिनेश चन्द्र ने उठाया है। अगर जिलाधिकारी की मुहिम रंग लायी तो जिले के सभी गो आश्रय स्थल और निजी पशुपालकों को कभी हरे चारे की कमी नहीं हो पायेगी। पशुपालकों को जिलाधिकारी ने हरे चारे के लिए आत्मनिर्भर बनाने के लिए नेपियर घास की बोआई करनेे की अपील की है। उन्होंने इसकी शुरूवात अपने जिलाधिकारी आवास में इस घास की बोआई करके की है। अभी तक बहराइच जिले में करीब लगभग 50 हेक्टेयर क्षेत्र में नेपियर घास बोई गई है। जिसे इसी वर्ष 100 हेक्टेयर करने का लक्ष्य रखा गया है। डीएम डॉ. चन्द्र ने बताया कि इसकी बोआई बहुत की आसान है। बोआई के लिए उपयुक्त समय वर्षाऋतु है।
जिलाधिकारी डॉॅ. चन्द्र ने बताया कि नेपियर घास एक ऐसी घास है जिसको एक बार बोने से लगभग 04 से 05 वर्षों तक एक वर्ष में तीन से चार बार कटाई भी की जा सकती है। नेपियर घास में 12 से 14 प्रतिशत तक प्रोटीन की मात्रा पायी जाती है जो पशुओं के लिए बहुत लाभदायक है। इस घास को छोटे सी जगह तथा मेढ़ पर भी बोया जा सकता है। जिसका तात्पर्य है कि बड़े किसानों से लेकर छोटे किसान भी बो सकते हैं। डॉ. चन्द्र ने कहा कि अक्सर जानकारी न होने पर किसान अपने पशुओं के हरे चारे का प्रबन्ध न कर पाने के कारण पशुओं को अवारा छोड़ देते हैं। जिससे छुट्टा जानवरों की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। जिलाधिकारी ने बताया कि नेपियर घास सर्वप्रथम वर्ष 1901 में दक्षिण अमेरिका में बोई गई थी। जबकि भारत में पहली बार 1912 में बोआई की गई थी। जानकारी के अभाव में कृषक इसकी ओर आर्कषित नहीं हो सके। डॉ. चन्द्र ने बताया कि तत्कालीन सीवीओ डॉ. बलवन्त सिंह व डीडी एैग्री टी.पी. शाही के प्रयास से नेपियर ग्रास की बुआई जनपद में प्रारम्भ हुई है। वर्तमान समय में लगभग 50 हेक्टेयर क्षेत्र में नेपियर घास बोई गई है। जिसे इसी वर्ष 100 हेक्टेयर करने का लक्ष्य रखा गया है। डीएम डॉ. चन्द्र ने मौके पर मौजूद उप निदेशक कृषि टी.पी. शाही को निर्देश दिया है कि कृषि गोष्ठी के दौरान प्रतीकात्मक रूप से नेपियर घास के बीज का वितरण प्रगतिशील कृषकों को कराये ताकि जनपद के किसानों को नेपियर घास की उपयोगिता की जानकारी हो सके। डीएम डॉ. चन्द्र ने जनपद के सभी छोटे बड़े किसानों से अपील की है कि सभी अपनी सामर्थ के अनुसार नेपियर घास की बोआई कर पशुओं के लिए हरे चारे का प्रबन्ध करें। डीएम डॉ. चन्द्र ने पशुपालकों से भी अपील की है कि अपने पशुओं से प्यार करें और कतई छुट्टा न छोड़े।