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लखनऊ। कृषि आय में सुधार के अवसरों को ध्यान में रखते हुये हाई-टेक कृषि में किसानों, विशेष रूप से लघु और सीमांत कृषकों की अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा सकता है। महानिदेशक, उ.प्र. कृषि अनुसंधान परिषद, डा. संजय सिंह, की ओर से जानकारी दी गई है कि मुख्य रणनीति में आदान, प्रौद्योगिकी व प्रसार समर्थन, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के निर्माण तथा विपणन व मूल्य संवर्धन के लिये उत्पादन के एकत्रीकरण को सक्षम बनाने के लिये संहत क्षेत्र और गतिविधि विशिष्ट विकास को अपनाना सम्मिलित है। उक्त के क्रम में उ.प्र. कृषि अनुसंधान परिषद लखनऊ द्वारा दिनांक 16 नवम्बर 2022 को परिषद सभागार में ‘‘किसानों की आय में अभिवृद्धि हेतु अभिनव प्रौद्योगिकियों‘‘ विषयक एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।
डा. संजय सिंह ने जानकारी दी है कि कार्यशाला के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री. उ.प्र. अतिविशिष्ट अतिथि मा. मंत्री, कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान, उ.प्र. तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में कृषि उत्पादन आयुक्त उ.प्र. व अपर मुख्य सचिव कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान द्वारा भाग लिया जाना प्रस्तावित है। कार्यशाला में हाईटेक कृषि के संबंध में देश के विभिन्न प्रदेशों में प्रारम्भ किये गये स्टार्टअप का प्रस्तुतीकरण फर्मों के प्रतिनिधियों द्वारा किया जायेगा। कार्यशाला में प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों, प्रदेश के कृषि एवं संबंधित विभागों के निदेशकों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के प्रदेश स्थित संस्थानों के निदेशकों तथा प्रगतिशील कृषकों द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा। कार्यशाला में प्रदेश के कृषकों की आय में अभिवृद्धि के परिप्रेक्ष्य में अभिनव प्रौद्योगिकियां अपनाये जाने के लिए सम्यक विचारोपरान्त दिशा-निर्देश निर्धारित किये जायेंगे।