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लखनऊ। तुलसी जयंती के अवसर पर ऐशबाग तुलसी शोध संस्थान एवं अयोध्या शोध संस्थान के संयुक्त तत्वावधान मे ऐशबाग स्थित रामलीला मैदान में अवधी कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डॉ राम किशोर वर्मा संत को तुलसी सम्मान व डा विनय भदौरिया को अवधी सम्मान से सम्मानित किया गया।
समारोह में अतिथियों ने डॉ लवकुश द्विवेदी ने संत तुलसी दास और भगवान राम पर सम्यक प्रकाश डाला। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उत्तरी क्षेत्र के विधायक डॉ नीरज बोरा ने रामचरितमानस को जीवन का आधार बताया। इस मौके पर डॉ शिव भजन कमलेश द्वारा लिखित छंदों की अन्तर्ध्वनि पुस्तक का लोकार्पण डॉ लव कुश द्विवेदी, डॉ नीरज बोरा, डॉ दिनेश चन्द्र अवस्थी, पंडित आदित्य द्विवेदी, हरीश चन्द्र अग्रवाल और सर्वेश अस्थाना ने किया। इसी क्रम में संत तुलसी पर आयोजित विचार गोष्ठी में विद्वान वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। डॉ दिनेश अवस्थी की अध्यक्षता और पंडित आदित्य द्विवेदी के संचालन में आयोजित अवधी कवि सम्मेलन में फारुक सरल ने सुनाया बिरवा झूरि झूरि हरियाने फुलवा फूली फूली मुस्क्याने, बरसै झिमिर झिमिर कै बदरा हो सावन मा हरेरी वार बन मा। वहीं डॉ राम किशोर वर्मा की बानगी थी आजु का उत्सव तुलसी सभागार मा सब जने आये दादा के बेउहार मा, रामलीला समिति धन्नी भै बात यह पूरा लखनऊ पढ़ी काल्हि अखबार मा। कुमार तरल ने सुनाया घरु द्वार तजे सियाराम भजे प्रभुभक्ति मा डूबि गए यतना, रतना से न कम तिनकौ तुलसी से न कम तिनकौ रतना। कार्यक्रम में जयदीप सिंह सरस ने खूब तालियां बजवायी, वहीं दूसरी ओर शशि श्रेया ने कहा हम तो रिस्तन कै खुशबू हैं चौका कै अगियारी हैं हम हेन ते हैं संसकार हमहेन ते दुनिया सारी है हमहेन रंग भरे हन घर की देहरी मा दीवारन मा, अइसे दौ वारै इक बिटिया सौ सौ बेटवन पर भारी है। डॉ विनय भदौरिया ने कई गंभीर चिन्तन के गीत प्रस्तुत किये। वहीं डॉ अशोक अज्ञानी के गीतों ने कार्यक्रम को परवान पर पहुंचाया। कार्यक्रम के अन्त में धन्यवाद ज्ञापन प्रमोद अग्रवाल और मयंक रंजन ने दिया।