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इस एजुकेशन अफसर की मुहिम ला रही रंग, प्राणि उद्यान में वन्यजीव प्रेमियों को मिल रही रोचक जानकारियां

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लखनऊ। एक समय था जब लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ सिर्फ मनोरंजन के लिए प्राणि उद्यान आया करते थे, धीरे-धीरे बदलते वक्त के साथ लोग अब यहां मनोरंजन के साथ वन्य जीवों से संबधित रोचक जानकारियां भी अपनी यादों में संजो के जा रहे हैं। प्राणि उद्यान अब मनोरंजन के साथ ज्ञान का केन्द्र भी बन गय है, खास बात यह है कि प्राणि उद्यान का यह बदलता स्वरूप लोगों को भी काफी भा रहा है। प्राणि उद्यान के आंकड़ों की माने तो इस बदलते स्वरूप के बाद से स्कूल कॉलेजों के छात्र और छात्राओं की संख्या में भी काफी इजाफा हुआ है। इस कड़ी मेहनत के पीछे प्राणि उद्यान की एजुकेशन अफसर नीना कुमार अहम योगदान है। खास बात यह है कि बच्चों को मनोरंजन के साथ उन्हें वन्य जीवों के प्रति जागरूक करने की इस मुहिम को शासन में बैठे अधिकारियों ने भी खासा पसंद किया है।
वन्यजीवों और प्राकृतिक चीजों से लगाव रखने वाली प्राणि उद्यान की एजुकेशन अफसर नीना कुमार बीते कई वर्षो से इस बावत लोगों में जागरूकता फैलाने का काम कर रही हैं। श्रीमती नीना कुमार ने बीते सालों में प्राणि उद्यान में कई ऐसी मुहिम चलायी जो वन्यजीव प्रेमियों ने काफी पसंद की। उन्होंने बीते साल लखनऊ प्राणि उद्यान की सैर विषय पर एक प्रतियोगिता का आयोजन किया और बेहतरीन लेखन पर उपहार भी भेंट किया तो वहीं दृष्टिबाधित व दिव्यांगजन स्कूली बच्चों के लिए वन्य जीवों से संबधित शैक्षिक कार्यक्रम करवाये। इसके साथ ही मतदाता जागरूकता दिवस पर स्वयंसेवी संगठनों और स्कूल के बच्चों के साथ मिलकर एक जागरूकता रैली का भी आयोजन किया। वहीं तितली दिवस, फ्रॉग डे व जैव विधिता दिवस पर प्रणि उद्यान में कई सफल आयोजन करवाकर लोगों का ध्यान प्रणिउद्यान पर केन्द्रित किया। वहीं प्राणि उद्यान में आजादी के अमृत महोत्सव के अर्न्तगत विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। नीना कुमार ने बताया कि आजादी के महोत्सव के अन्तर्गत कार्यक्रमों में देश में प्राणि उद्यान, लखनऊ के लिए मगर, घड़ियाल प्रजाति चिन्ह्ति की गयी। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद हमने पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचाया जिससे हमारे वन कम होते चले गये तथा नदियां सूखने लगी और मगरमच्छ कम होने लगे तथा घड़ियाल लुप्त होने की कगार पर आ गये। इसे हम सभी ने 70 के दशक में महसूस किया। इसके बाद हमने घड़ियाल को केन्द्रित कर उनके पनुर्वास स्थापित करने का कार्य प्रारम्भ किया। इसके लिए चम्बल, कतर्नियाघाट आदि स्थानों को चिन्हित किया गया और इसमें हम काफी हद तक सफल भी हुए हैं। इसके साथ ही मगरमच्छ का जाने विषय पर कठपुतली शो कार्यक्रम आयोजित कराकर श्रीमती नीना कुमार, शिक्षा अधिकारी प्राणि उद्यान द्वारा मगर के प्रति दर्शकों को जागरूक किया गया। वहीं शो एण्ड टेल्स- क्राक टेल्स विषय पर कार्यक्रम आयोजित कर दर्शकों को जागरूक किया गया। प्राणी उद्यान की एजुकेशन अफसर की यह कोशिश रहती है कि लोगों का वन्यजीवों से ज्यादा से ज्यादा लगावा हो, वह उनके बारे में जाने, इसी दिशा में प्राणी उद्यान में मनोरंजन के साथ समय समय पर ज्ञानवर्धन कार्यक्रम आयोजित किये जाते रहते हैं।

 

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