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लखनऊ। सेवानिवृत्त के बाद भी प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में योगदान दे रहे चिकित्सकों को अब फिर से एचआरए यानि मकान का किराया भत्ता शीघ्र ही बहाल किया जायेगा। ज्ञात हो कि बीती 24 जनवरी 2022 को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक की ओर से एचआरए न दिए जाने के आदेश दिए गए थे।
सूबे में डाक्टरों की कमी पूरा करने के लिए रिटायरमेंट के बाद जिन चिकित्सकों से सेवाएं ली जा रही हैं, अब उन्हें फिर से मकान किराया भत्ता (एचआरए) दिया जाएगा। वित्त विभाग की ओर से स्पष्टीकरण जारी किया गया है कि पुनर्याेजित सरकारी सेवकों को एचआरए अनुमन्य है। ऐसे में यह आदेश रद कर दिया गया है। फिलहाल अब चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशालय की ओर से जल्द एचआरए बहाल करने का आदेश जारी किया जाएगा। एचआरए बहाली से करीब 600 डाक्टरों को राहत मिलेगी। जानकारी के अनुसार डॉक्टरों के एचआरए पर रोक लगने से चिकित्सा सेवाओं में भी डाक्टरो द्वारा कम दिलचस्पी दिखा रहे थे। एचआरए देने पर लगी रोक के कारण 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होने वाले डाक्टर पुनर्याेजन के माध्यम से तीन वर्ष यानी 65 वर्ष की आयु तक सेवाएं देने में कम दिलचस्पी दिखा रहे हैं। यही कारण है कि अस्पतालों में विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी है और इसे पूरा करने के लिए फिर से सेवानिवृत्त डाक्टरों से आवेदन मांगे गए हैं। विशेष सचिव, वित्त नील रतन कुमार की ओर से जारी किए गए आदेश में 15 दिसंबर 1983 के शासनादेश का जिक्र किया गया है कि जिसके द्वारा पुनर्याेजित सरकारी सेवकों को एचआरए अनुमन्य है। वहीं डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने निर्देश दिए हैं कि डाक्टरों को मिलने वाले किसी भी तरह के लाभ से वंचित न किया जाए। जल्द आदेश जारी कर डाक्टरों को एचआरए का लाभ दिया जाए। प्रांतीय चिकित्सा सेवा (पीएमएस) संघ का कहना है कि जिन डाक्टरों को करीब नौ महीने एचआरए नहीं मिला है, उन्हें इसका अलग से भुगतान किया जाए।