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लखनऊ,(माॅडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)ः कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के विरोध में उत्तर प्रदेश के डॉक्टरों ने हड़ताल का रास्ता अपनाया है। राजधानी लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू), संजय गांधी पीजीआई, लोहिया संस्थान और अन्य प्रमुख अस्पतालों के रेजीडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। डॉक्टरों की इस हड़ताल से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, और अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं ठप हो गई हैं। जिससे ओपीडी में आये मरीजों को काफी दिक्कतों को सामना करना पड़ा तो वहीं कुछ मरीज बिना इलाज के ही वापस हो गये। कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई निर्मम घटना के विरोध में सोमवार को लखनऊ में केजीएमयू, पीजीआई, लोहिया संस्थान और अन्य अस्पतालों के करीब दो हजार रेजीडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल का आह्वान किया। इस हड़ताल से राजधानी के प्रमुख अस्पतालों की ओपीडी और सर्जरी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं।
भटकती रहीं क्वीन मैरी में गर्भवती महिलाएं
कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के विरोध में जारी डाॅक्टरों की हड़ताल का असरक्वीन मैरी अस्पताल में भी देखने को मिला, यहां पर इमरजेंसी और ओटी की सेवाओं को छोड़ कर, सभी सेवाएं ठप नजर आयी, ओपीडी में जहां पूरी से बंद थी, तो वहीं डाॅक्टरों को दिखाने आये मरीजों के नये पर्चे भी नहीं बने। डाॅक्टरों के परामर्श के लिए अस्पताल आयी गर्भवती महिलाएं और स्त्री रोग से संबधित मरीजों को काफी निराशा हाथ लगी। तीमारदार अपने मरीजों को दिखाने के लिए दर दर भटकते नजर आये।
पीजीआई में ओपीडी और सर्जरी सेवाएं ठप
लोहिया संस्थान और पीजीआई में रेजीडेंट डॉक्टरों ने पूरी तरह से कामकाज ठप कर दिया है, जिससे मरीजों को इलाज में कठिनाई हो रही है। हड़ताल के बावजूद, इमरजेंसी सेवाएं बहाल रखने का दावा किया गया है, लेकिन ओपीडी और सर्जरी सेवाएं पूरी तरह प्रभावित रही, तीमारदार अपने अपने मरीजों को लेकर भटकते नजर आये, इलाज न मिलता देख मरीज को लेकर तीमारदार बैरंग वापस लौटने को मजबूर हो गये।
ओपीडी में नहीं मिला मरीजों को परामर्श, सर्जरी भी टली
केजीएमयू, पीजीआई, लोहिया संस्थान समेत सभी अस्पतालों के रेजीडेंट डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन सुबह से ही जारी रहा, ओपीडी में पूरी तरह से तालाबंदी रही, जिससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। केजीएमयू के रेजीडेंट डॉक्टरों ने सुबह से ही कामकाज ठप करके विरोध प्रदर्शन किया। ओपीडी में मरीजों को परामर्श नहीं मिल पाया और सर्जरी भी टाल दी गई। लोहिया संस्थान और पीजीआई के डॉक्टरों ने भी शाम को कैंडल मार्च निकालकर कोलकाता की घटना के खिलाफ अपना विरोध जताया। कैंसर संस्थान में डॉक्टरों ने काला फीता बांधकर काम किया और घटना की निंदा की। केजीएमयू के रेजीडेंट डॉक्टरों ने परिसर में नारेबाजी करते हुए जुलूस निकाला, जिससे आसपास के क्षेत्रों में जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। हालांकि, ट्रॉमा सेंटर में रेजीडेंट डॉक्टरों ने इमरजेंसी सेवाएं बहाल रखी, लेकिन वहां भी मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण स्थिति गंभीर बनी रही।