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खनन विभाग में अग्निकांड का पर्दाफाश करेगी एसटीएफ, पूर्व में भी अग्निकांड की गुत्थी सुलझा चुकी है एसटीएफ

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लखनऊ,(माॅडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)। खनन निदेशालय में बीते मंगलवार को आग लगने की वजह अब तक स्पष्ट नहीं हो पायी है, कुछ लोग इसको दबी जुबान से साजिश करार दे रहे हैं तो कुछ लोग इसे महज हादसा बता रहें हैं। फिलहाल खनन विभाग में हुये इस अग्निकांड की जांच की पर्ते सुलझाने के लिए एसटीएफ की मदद ली जायेगी। एसटीएफ पता लगायेगी कि आग साजिश के कारण लगायी गयी है या सिर्फ यह अग्किांड महज एक हादसा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एसटीएफ को इस प्रकरण की जांच सौंपी गयी है। एसटीएफ के एडिशनल एसपी दिनेश कुमार सिंह मामले की जांच करेंगे। जिसके बाद मंगलवार देर रात एसटीएफ के अधिकारियों ने खनन निदेशालय जाकर मौका-मुआयना भी किया। दरअसल, आशंका जताई जा रही है कि सुनियोजित साजिश के तहत आग लगाई गयी, जिसकी वजह से कई महत्वपूर्ण फाइलें नष्ट हो गयीं। वहीं, दूसरी ओर खनन निदेशक माला श्रीवास्तव ने इस मामले की जांच के लिए आंतरिक समिति का गठन भी किया है। उन्होंने संयुक्त निदेशक के नेतृत्व में जांच समिति गठित की है। बता दें कि गोखले मार्ग स्थित कृषि भवन के सामने खनन निदेशालय में मंगलवार को आग लगने से इमारत का काफी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था। हालांकि दमकल की चार गाड़ियों ने करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। दमकल विभाग के कर्मियों को मौके पर बिजली के केबिल जले मिले थे। वहीं, एक एयरकंडीशनर भी क्षतिग्रस्त पाया गया था। आग से भूतल का एक कमरा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसमें रखी फाइलें भी नष्ट हो गयी थीं। हालांकि खनन निदेशक के मुताबिक अलमारियों में रखी फाइलों को नुकसान नहीं पहुंचा है। वहीं, राहत एवं बचाव कार्यों की वजह से आग की जद में आए कमरों में पानी और धुआं भरने की वजह से आग लगने की सही वजह का पता नहीं लगाया जा सका। बता दें कि इस प्रकरण में मंगलवार देर रात हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज कराया गया, जिसकी जांच स्थानीय पुलिस द्वारा की जाएगी। वहीं, अग्निशमन विभाग भी आग लगने की वजह का पता लगा रहा है। पहले कूड़े की वजह से आग लगने की आशंका जताई जा रही थी जिसकी प्रारंभिक जांच में पुष्टि नहीं हुई। बुधवार को एसटीएफ और स्थानीय पुलिस घटनास्थल से सुबूत एकत्र करेगी जिन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा। बता दें कि एसटीएफ इससे पहले वर्ष 2015 में स्वास्थ्य भवन और वर्ष 2019 में शक्ति भवन में लगी आग के मामले की जांच भी कर चुकी है। दोनों प्रकरणों में सुनियोजित साजिश के तहत आग लगाने की आशंका के बाद एसटीएफ को जांच सौंपी गयी थी। स्वास्थ्य भवन में लगी आग के मामले की जांच में विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की संलिप्तता मिली थी।

निदेशालय स्तर पर भी होगी जांच

खनन निदेशक माला श्रीवास्तव ने इस मामले को काफी गंभीरता से लिया है, उन्होंने निदेशालय स्तर पर इस अग्निकांड की जांच करवाने के लिए एक आंतरिक जांच समिति का भी तत्काल गठन कर दिशा निर्देश दिये हैं, इस प्रकरण की जांच मुख्यलाय में ही संयुक्त निदेशक स्तर के अफसर करेंगे और शीघ्र ही अपनी रिर्पोट शासन को देंगे। श्रीमती माला श्रीवास्तव के पदभार के ग्रहण करने के बाद से ही अवैध खनन व अवैध खनन परिवहन के नेटवर्क पर काफी हंटर चलाया है, जिससे विभाग में भी कुछ लोग उनसे खुन्नस खाये हुये हैं। विभाग के लोग दबी जुबान से कहते हैं कि इस अग्निकांड से ईमानदार निदेशक की छवि को भी धुमिल करने का प्रयास किया गया है।

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