Breaking News

लगातार तीन रात दिखाई देगा सुपरमून, खगोलविदों के लिए अब तक पहेली

Getting your Trinity Audio player ready...

नई दिल्ली। आषाढ़ पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा 2022 के मौके पर इस बार भी आसमान में एक खास खगोलीय घटना का नजारा देखने को मिलने वाला है. बुधवार, 13 जुलाई को चांद साल के बाकी हिस्सों की तुलना में आसमान में बड़ा और चमकीला दिखाई देगा। इस दौरान चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब रहेगा। पृथ्वी से इसकी दूरी केवल 3,57,264 किमी होगी। इस बड़े और चमकीले चंद्रमा को जुलाई सुपरमून या जुलाई बक मून कहा जाता है।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सुपरमून उस वक्त करीब 14 फीसदी बड़ा दिखेगा। साथ ही इसकी ब्राइटनेस 30 फीसदी से ज्यादा बढ़ जाएगी। हालांकि 13 जुलाई को चांद पूरे 24 घंटे के लिए साल के बाकी हिस्सों से बड़ा और चमकीला दिखाई देगा, लेकिन 12-13 जुलाई की मध्यरात्रि को 12.08 बजे यह सबसे विशाल होगा। इस दौरान चंद्रमा अपनी कक्षा में पृथ्वी के सबसे करीब होगा। वहीं, अगले तीन दिनों तक यह पूर्णिमा की तरह दिखेगा।
इससे पहले, आखिरी सुपरमून 14 जून, 2022 को दिखाई दे रहा था। इसे स्ट्रॉबेरी मून 2022 कहा जाता था। जब चंद्रमा आसमान में उगता या अस्त होता है तो वह बड़ा या चमकीला क्यों दिखाई देता है? खगोलविदों के लिए यह सवाल अब तक पहेली बना हुआ है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों द्वारा दी गई एक संभावित व्याख्या यह है कि हम अपनी दृष्टि की रेखा के भीतर वस्तुओं के सापेक्ष आकार की तुलना करते हैं।
नासा ने पिछले साल यानि 2021 में अपने एक ब्लॉग में कहा था कि शायद पेड़, पहाड़ और इमारतें हमारे दिमाग में ऐसा भ्रम पैदा कर दें कि चांद उस वक्त करीब, बड़ा और चमकीला हो गया है. हालांकि, ब्लॉग में यह भी बताया गया था कि यह अनुमान या संभावना पूरी तरह से सटीक और सटीक नहीं हो सकती है। इस वजह से ब्लॉग में लिखा गया था कि अंतरिक्ष से भी चांद निकलने या अस्त होने पर बड़ा दिखता है, जबकि पेड़ या पहाड़ जैसी कोई चीज नहीं होती। वहाँ दृष्टि की रेखा के भीतर वस्तुओं के सापेक्ष आकार की तुलना नहीं की जा सकती।
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के अनुसार, जब चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट बिंदु पर पहुंचता है, तो वह शेष दिन के लिए पूर्णिमा के आकार से थोड़ा बड़ा दिखाई देता है। चंद्रमा के सबसे निकटतम बिंदु को पेरिगी कहा जाता है। इस साल मंगलवार यानी 14 जून को सुपरमून के दौरान यह 17 फीसदी बड़ा और 30 फीसदी ज्यादा चमकीला नजर आया। चंद्रमा और पृथ्वी के बीच की दूरी 222,238 मील थी। इसे स्ट्राबेरी मून या पिंक मून कहा जाता था। दुनिया भर में इस सुपरमून की कई तस्वीरें शेयर की गईं।
रिपोर्ट के मुताबिक इस पूरे साल में बड़ा और चमकीला चांद दोबारा नहीं दिखेगा। इसलिए, 13 जुलाई की शाम को, अंतरिक्ष में रुचि रखने वाले लोग इस खगोलीय घटना को लेकर बहुत उत्साहित हैं। इस साल पूरी दुनिया में 3 और सुपरमून दिखाई देंगे। इनमें से पहला 11 अगस्त को, दूसरा 10 सितंबर को, तीसरा 9 अक्टूबर को, चौथा 8 नवंबर को और पांचवां 7 दिसंबर को आसमान में दिखाई देगा।

Check Also

संस्थापक दिवस के रूप में मनाया गया प्रख्यात शिक्षाविद स्व. पूरन सिंह का जन्मदिवस

Getting your Trinity Audio player ready... लखनऊ,(माॅडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)ः पायनियर मोंटसरी स्कूल एवं इंटर कॉलेज …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *