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गोद लेकर किया जा सकेगा, विद्यालयों की सेहत में सुधार

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लखनऊ। शिक्षा के क्षेत्र में उजियारा फैलाने वाले समाज के संभ्रात लोगों के लिए एक अच्छी खबर है, ऐसे इच्छुक लोग जो गरीब और मध्यम तबके के बच्चों को शिक्षित रखने की चाह रखते हैं, ऐसे लोगों के लिए सरकार ने विद्यांजली कायाकल्प पोर्टल लांच किया, इस पोर्टल के जरिए लोग परिषदीय विद्यालयों को गोद लेकर बच्चों को बेहतर शिक्षा देकर एक शिक्षित समाज बनाने की दिशा में योगदान कर सकेंगे।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा विद्यांजली कायाकल्प पोर्टल बनाया गया है। यह पोर्टल परिषदीय विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं को संकल्पित किये जाने हेतु प्रतिष्ठित, विशिष्टि एवं संम्पन्न इच्छुक व्यक्तियों, कारपोरेट अथवा विद्यालय के एल्यूमिनाई से आर्थिक सहयोग प्राप्त किये जाने का एक प्लेटफार्म है। उन्होंने बताया कि विद्यांजली पोर्टल का मुख्यमंत्री ने बीती एक अगस्त को शुभारम्भ किया है। जिसका यू०आर०एल०-के०के०वी०डॉटप्रेरणायू0पी0डॉटइन है। उन्होंने बताया कि दानदाता पोर्टल पर जाकर स्कूल सेलेक्ट करेंगे उसके बाद संबंधित जनपद के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के पास रिक्वेस्ट जनरेट होगी। बीएसए द्वारा क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण समिति से अनुमति लेकर रिक्वेस्ट अप्रूव की जायेगी। तत्पश्चात अनुमोदनोपरान्त सम्बन्धित व्यक्ति द्वारा अवस्थापना सुविधाओं के समग्र विकास के लिए आगामी 03 वर्षों के लिए प्रतिबद्ध होगें। श्री सिंह ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित किसी भी शहरी अथवा ग्रामीण परिषदीय विद्यालयों के विकास के लिए इस पोर्टल के माध्यम से सहयोग प्रदान किया जा सकता है।

पोर्टल के माध्यम से विद्यालय को गोद लेने की प्रक्रिया इस प्रकार है-

1-सम्पूर्ण विद्यालय को गोद लेकर,
2-विद्यालय विकास कोष में दान देकर,
3-अग्रिम सामग्री दान देकर, अध्ययन सामग्री दान देकर
4-विद्यालय में पथ-प्रदर्शक बनकर किया जा सकता है।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री ने बताया कि प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित की गयी है। कायाकल्प विद्यांजली पोर्टल द्वारा प्राप्त वित्तीय धनराशि को जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के अन्तर्गत पंजीकृत सोसाइटी के अन्तर्गत खुलवाये गये पृथक राष्ट्रीयकृत बैंक खाते में प्राप्त किया जायेगा। दानकर्ता की इच्छा के अनुसार उसकी पसन्द की एजेन्सी से कार्य कराया जायेगा। खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा वेब पोर्टल के माध्यम से दानदाताओं को समय-समय पर सूचना प्रदान की जायेगी। श्री सिंह ने बताया कि भारत सरकार अथवा राज्य सरकार द्वारा विधिक रूप से पंजीकृत संस्था, ट्रस्ट, स्वयंसेवी संस्था, विद्यालय में पूर्व में पढ़ चुके विद्यार्थी अथवा विद्यार्थी के परिवार, समाज के किसी भी व्यक्ति विशेष, उद्यमी या व्यवसायी द्वारा शैक्षिक सहयोग तथा राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय सामाजिक संस्थाओं व औद्योगिक प्रतिष्ठानों के द्वारा सीएसआर के अन्तर्गत विद्यालय को गोद एवं सहयोग कर सकते हैं।

 

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