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लखनऊ। पायनियर मोंटेसरी स्कूल राजाजीपुरम शाखा में स्कूल के नन्हें मुन्हों द्वारा क्रिसमस उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें स्कूल के बच्चों ने जमकर मस्ती की, इस अवसर पर बच्चों ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किये। बीते दिनों पायनियर स्कूल ने अपनी 18 शाखाओं के साथ 60वां स्थापना दिवस, एल्डिको शाखा में बड़ी धूम-धाम से मनाया था।
पायनियर मोंटेसरी स्कूल की राजाजीपुरम शाखा में क्रिसमस के अवसर पर रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में स्कूल के बच्चों ने सेंटा क्लाज की वेशभूषा में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। बच्चों ने ईसामसीह के जीवन पर आधारित कार्यक्रम और जिंगल बेल की शानदार प्रस्तुति दी। स्कूल परिसर में ‘जिंगल बेल, जिंगल बेल, देखो आया है… वी विश यू मैरी क्रिसमस के गीतों से हॉल गूंज उठे। वहीं स्कूल के बच्चों उनके अभिभावकों और अध्यापिकाओं ने केक काटकर क्रिसमस सेलिब्रेट किया। इससे पूर्व स्कूल के संस्थापक स्व. पूरन सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनको याद किया गया, तो वहीं कार्यक्रम की शुरूवात दीप प्रज्जवल से की गयी। इस अवसर पर पायनियर स्कूल के मैनेजर डा. बृजेन्द्र सिंह ने कहा कि हमारे शिक्षण संस्थान का उद्देश्य लाभ कमाना नहीं है, बल्कि मूल उद्देश्य विद्यालय मंे उच्च शैक्षणिक मापदंड स्थापित करने के साथ बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ, नैतिक, व्यवहारिक व सामाजिक ज्ञान में दक्ष कर उनका सर्वागीण विकास करना ही मकसद है। श्री सिंह ने कहा कि यही कारण है कि पायनियर स्कूल पर अभिभावकों का विश्वास बढ़ा है। उन्होंने कहा कि मीडिया रिर्पोट्स के अनुसार कोरोना का प्रभाव फिर से बढ़ रहा है, ऐसे में हम सबको कोरोना से डरना नहीं सजग रहना है, कोविड प्रोटोकाल का पूरी तरह से पालन करना है। स्कूल के मैनेजर ने प्रधानाचार्या गार्गी सिंह के कार्यो की सराहना भी की। वहीं एल्डिको ब्रांच की प्रधानाचार्या शर्मिला सिंह ने क्रिसमस डे पर धार्मिक सद्भावना बनाए रखने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी देश को उसकी शिक्षा व्यवस्था आगे लेकर जाती है, इसलिए पायनिर स्कूल हमेशा अपने विद्यार्थियों को गुणवत्तापरख शिक्षा देने मंे विश्वास रखता है। उन्होंने इतने कम समय में क्रिसमस के शानदार आयोजन को लेकर प्रिंसिपल गार्गी व उनकी टीम की सराहना की। कार्यक्रम में राजाजीपुरम ब्रांच की प्रधानाचार्या गार्गी आर्या ने सभी को क्रिसमस की शुभकामनाये दी, श्रीमती गार्गी ने बच्चों को बताया कि क्रिसमस डे प्रभु यीशु के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला पर्व है। संत निकोलस को सांताक्लाज के नाम से जाना जाता है। संत निकोलस चाहते थे कि कोई भी व्यक्ति उदास ना हो इस वजह से हर क्रिसमस की रात को बच्चों को गिफ्ट में चाकलेट व अन्य उपहार बांटते थे, जिससे बच्चे खुशी से झूम उठे। कार्यक्रम के समापन पर बच्चों को केक और उपहार वितरित किये गये।