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अयोध्या। भगवान श्रीराम की नगरी को संवारने का काम योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी जोरशोर के साथ चल रहा है। इसी क्रम में लग्जरी रामायण क्रूज का निर्माण भी किया जाएगा। जिसके लिए तैयारियां तेज कर दी गईं हैं। मीडिया में आ रही खबरों की मानें तो सरयू नदी में चलने के लिए लग्जरी रामायण क्रूज का निर्माण अयोध्या में ही किया जाएगा। क्रूज निर्माण के लिए जमीन की तलाश तेज कर दी गई है। सरयू नदी में क्रूज चलाने की जिम्मेदारी संभालने वाली वाराणसी की अलकनंदा क्रूज लाइन्स के निदेशक विकास मालवीय बुधवार को अपनी टीम के साथ अयोध्या पहुंचे. इस संबंध में उन्होंने जिलाधिकारी नीतीश कुमार और अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह से मुलाकात की.
इस दौरान टीम ने अधिकारियों को क्रूज के निर्माण के लिए नदी से सटी करीब 15 हजार वर्ग फुट जमीन की जरूरत बताई. क्रूज लाइन्स के निदेशक ने कहा कि जिलाधिकारी ने कहा है कि नदी के किनारे पर जो जगह आपको क्रूज के निर्माण के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक लगे, उसे चिह्नित कर बताएं. अगर कोई समस्या है तो उसका समाधान किया जाएगा।
वहीं, अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने टीम के साथ एक लेखपाल को अयोध्या भेजकर जमीन दिखाई. लेखपाल ने बैकुंठ धाम के आसपास क्रूज निर्माण के लिए जमीन दिखाई। इसके अलावा टीम ने सरयू नदी पर बने रेलवे पुल गुप्तारघाट से सटी जमीन की लोकेशन देखी। मालवीय ने बताया कि हमें जितनी जल्दी जमीन मिलेगी उतनी ही जल्दी क्रूज का निर्माण शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा, अगर सरकारी स्तर पर जमीन उपलब्ध नहीं है तो करीब छह से आठ महीने के लिए जमीन किराए पर लेनी होगी, जहां पर क्रूज बनाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में वह पहले ही अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी से मिल चुके हैं. उन्होंने अयोध्या में क्रूज संचालन में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है। गौरतलब है कि गुप्तार घाट से पर्यटकों को आध्यात्मिक नगरी अयोध्या ले जाने वाले रामायण क्रूज को लाने की योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पहले योजना थी कि कोलकाता के कोचीन शिपयार्ड में करीब सात करोड़ की लागत से बनने वाले दो मंजिला लग्जरी क्रूज के भूतल और पहली मंजिल का निर्माण शिपयार्ड में ही किया जाएगा और पहली मंजिल के हिस्से का निर्माण किया जाएगा. फिर इसे अयोध्या लाया जाए, लेकिन अब इसमें बदलाव हो गया है। पूरा निर्माण कार्य अयोध्या में ही करने की योजना है।