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लखनऊ। आने वाले दिनों में अगर शासन की सहमति बनी तो प्रदेश में पिटबुल सहित तीन हिंसक प्रजाति के कुत्तों को पालने पर बैन लग सकता है। दरअसल लखनऊ के बाद बीते दिनों मेरठ में भी पिटबुल प्रजाति के कुत्ते ने किशोर व अपने मालिक पर हमला कर बुरी तरह जख्मी कर दिया था, किसी तरह से पिटबुल के चंगुल से दोनो लोग बच पाये। जिसके बाद नगर विकास विभाग ने खतरनाक प्रजाति के कुत्तों को न पालने के लिए मंथन शुरू कर दिया था। सूत्रों की बात पर यकीन करें तो नगर विकास विभाग ने शासन के उच्च अधिकारियों को पत्र लिख कर हिंसक प्रजाति के कुत्तों को पालने पर बैन लगाने की सिफारिश की है। अब शासन पर यह निर्भर करता है कि वह इस संबध में क्या निर्णय लेता है।
प्रदेश में कुत्तों के द्वारा हमले की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। बीते महीनों राजधानी लखनऊ में पिटबुल नस्ल के एक कुत्ते ब्राउनी के द्वारा काटने के बाद बुर्जुग मालकिन की मौत हो गई थी। जिसके बाद कुछ लोगों ने हिंसक प्रजाति के कुत्तों को पालने से रोक लगाने की मांग होने लगी थी। जिसके बाद इसी माह में मेरठ में भी इसी तरह की हुई घटना के बाद इस मुहिम को और भी बल मिला। अब खबर आ रही है कि राज्य में हिंसक नस्ल के कुत्ते पालने पर प्रतिबंध लग सकता है। उधर राज्य के नगर विकास विभाग ने पत्र के जरिये शासन में तीन हिंसक प्रजाति के कुत्तों के पालने पर रोक लगाने की मांग की है। इसको लेकर शासन को पत्र लिखा दिया गया है। इसमें पिटबुल और रॉटविलर जैसी प्रजातियां प्रमुख है। इसके अलावा एक प्रजाति मैस्टिम है, जिसके पालने पर रोक लगाने की मांग की गई है। नगर विकास विभाग के विशेष सचिव के नेतृत्व में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया था।
आपको बता दे कि पिछले दिनों लखनऊ में पिटबुल ने अपनी 80 साल की मालकिन को काट के मार डाला था। उसके बाद से ही हिंसक नस्ल के कुत्तों को पालने का मामला गंभीर बना हुआ है। इसी घटना के बाद मेरठ के मवाना इलाके में एक किशोर पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। जब मालिक ने पिटबुल को रोकने की कोशिश की, तो उसने उस पर भी हमला कर दिया। हमले से घायल किशोर सालिम को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। किशोर के घरवालों के मुताबिक वो एक दुकान में काम करता है। दुकान के पास ही एक शख्स ने पिटबुल कुत्ता पाल रखा है। पुलिस को दी गई शिकायत में कहा गया है कि सालिम जब दुकान जा रहा था, तो बाहर मालिक के साथ घूम रहे पिटबुल ने उस पर अचानक हमला कर दिया। कुत्ते ने सालिम के चेहरे और हाथों को कई जगह नोच दिया। सालिम लहुलुहान हो गया। पिटबुल का मालिक रोकने लगा, तो कुत्ता उसकी तरफ ही घूम गया और उसे भी जख्मी कर दिया। किसी तरह मुश्किल से दोनों को खतरनाक पिटबुल के जबड़े से छुड़ाया जा सका।
178 लोग के पास है रॉटविलर
सरकारी कागजों में दर्ज आंकड़ों के अनुसार लखनऊ में 178 लोगों ने रॉटविलर पाल हुआ है। यह कुत्ता काफी हिंसक माना जाता है। पिछले दिनों गोमती नगर विस्तार के एक अपार्टमैंट में 10 साल की बच्ची को इस प्रजाति के कुत्ते ने काट लिया था। रॉटविलर ब्रिड के कुत्ते मुख्यतः जर्मनी में पाए जाते हैं। दुनिया की सबसे मशहूर प्रजातियों में से एक है। ये बेहद ताकतवर होते हैं, खासतौर पर इनके जबड़े। इनका प्रयोग रक्षा के लिए किया जाता है। अमूमन इन्हें अजनबी लोग और दूसरे कुत्ते बिल्कुल भी पसंद नहीं हैं। बताया जाता है रॉट विलर नस्ल के कुत्तों में बाइट फोर्स सबसे अधिक होती है।
घरों में पले हैं खतरनाक प्रजातियों के कुत्ते
यूपी में करीब 5000 लोग ऐसे हैं, जिनके यहां सिबेरियन, हुसकी, डाबरमैन, पिन्सचर तथा बाक्सर ब्रीड-724, पिटबुल और रॉटविलर प्रजाति के कुत्ते पाले गए हैं। कुत्तों की प्रजाति को देखते हुए कई नगर निगमों ने अब अपने यहां रजिस्ट्रेशन शुल्क लगा दिया है। लखनऊ में यह पहले से था लेकिन प्रयागराज में इसको नया लागू किया गया है। अकेले लखनऊ में ऐसे 927 लोग हैं, जिनके यहां हिंसक प्रजाति के कुत्ते पले है। इसमें सिबेरियन, हुसकी, डाबरमैन, पिन्सचर तथा बाक्सर ब्रीड प्रजाति 724 लोगों के पास है।