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लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत जरूरतमंदो की मिली प्लैट की चाबी

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लखनऊ,(माॅडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)ः बीते दिनों बहुप्रतीक्षित लाइट हाउस प्रोजेक्ट के लोकार्पण के साथ ही यूपी के हजारों गरीब परिवारों को उनके हिस्से की छत मयस्सर हो सकी। अपना घर मिलने की खुशी से मायूस चेहरे चमक रहे थे। मौका था लाइट हाउस प्रोजेक्ट के लोकार्पण का….10 मार्च का दिन 1,040 परिवारों के लिए यादगार बन गया है। अपने आशियाने के लिए जद्दोजहद कर रहे इन परिवारों को आखिरकार प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के अंतर्गत उनके सपनों का घर मिल गया। आपको बताते दें कि अपने दो दिवसीय दौरे पर आए प्रधानमंत्री ने आजमगढ़ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लाइट हाउस प्रोजेक्ट का लोकार्पण किया।
लाइट हाउस प्रोजेक्ट का लोकार्पण के मौके पर मौजूद बड़ी संख्या में लाभार्थियों के चेहरे की खुशी देखते ही बन रही थी। इस अवसर पर विधायक श्रीमती जया देवी ने कहा कि दुर्बल आय वर्ग के लोगों के लिए उनके घर का सपना भी सरकार साकार कर रही है। उक्त अवसर पर निदेशक सूडा डा. अनिल कुमार ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य नगरीय विकास अभिकरण सूडा द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के अंतर्गत लाइट हाउस प्रोजेक्ट का निर्माण कराया गया है। उक्त योजना में 1,040 आवास बनाए गए हैं। इन आवासों के निर्माण में नवीनतम तकनीकी का प्रयोग किया है। ये मकान आपदारोधी व पर्यावरण के अनुकूल हैं। देश में पीवीसी स्टे इन प्लेस फॉमवर्क तकनीकी का प्रयोग लखनऊ सहित छह अन्य शहरों में किया गया है। लखनऊ में बना लाइट हाउस प्रोजेक्ट प्रदेश ही नहीं देश के निर्माण क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। निदेशक सूडा ने कहा कि आने वाले दिनों में जल्द ही कैम्प का आयोजन किया जाएगा। इन कैम्पों के माध्यम से लाभार्थियों का सहयोग कर कागजी खानापूर्ति पूरी की जाएगी, जिससे की लाभार्थियों को जल्द से जल्द उनके आवासों का कब्जा मिल सके। प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के अंतर्गत निर्मित लाइट हाउस प्रोजेक्ट के लोकार्पण के साथ ही अवध विहार योजना में लाभार्थियों को चाबी वितरण भी किया गया। आपको बताते चलें कि लाइट हाउस प्रोजेक्ट में 34.50 वर्गमी. कारपेट एरिया के कुल 1040 भवन सम्मिलित हैं, जो स्टिल्ट प्लस 13 प्रकार के चार बहुमंजिला ब्लाकों में निर्मित हैं। उक्त परियोजना में आवास के साथ-साथ कम्यूनिटी सेन्टर, कॉमर्शियल सेन्टर, सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट (एसटीपी), पेयजल, डे्रनेज, आन्तरिक सडकें, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, सोलर लाईट, खुले हरित क्षेत्र, पार्किंग इत्यादि सुविधाएँ भी लाभार्थियों को मिलेंगी। परियोजना की कुल निर्माण लागत 130.90 करोड़ रुपए है, जिसमें समस्त अवस्थापना सहित प्रति आवास लागत 12.59 लाख रुपए है। परियोजना हेतु भारत सरकार द्वारा केन्द्रांश 1.50 लाख रुपए के अतिरिक्त केन्द्रीय टीआईजी के रूप में 4.00 लाख रुपए अतिरिक्त दिया गया है। इसी प्रकार राज्य सरकार द्वारा देय राज्यांश 1.00 लाख रुपए के अतिरिक्त राज्य टीआईजी के रूप में 1.33 लाख रुपए राज्य सरकार द्वारा दिया गया है। इस प्रकार परियोजना में कुल 7.83 लाख रुपए प्रति आवास का शासकीय अनुदान दिया गया है। अवशेष धनराशि 5.26 लाख रुपए लाभार्थी द्वारा वहन की गयी है। परियोजना में निर्मित होने वाले 1040 आवासों के सापेक्ष समस्त आवासों का आवंटन नियमानुसार पूर्ण कर लिया गया है।

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