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कैसे बना करप्शन का लाक्षागृह

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मदन मोहन मालवीय मार्ग पर जिस जमीन पर होटल लेवाना बना हुआ है वहां पर कभी बीएसएनएल का ऑफिस हुआ करता था। ऑफिस खाली करने के बाद यहां यह होटल बनाया गया, जबकि होटल का नक्शा भी पास नहीं है। मीडिया में आ रही खबरों की मानें तो इस होटल को लखनऊ विकास प्राधिकरण के इंजीनियरों और अधिकारियों की मिलीभगत से साल 2015 में बनवाया था, इसके लिए कागजी रस्म अदायगी की गई थी. सोमवार को होटल में आग लगने से चार लोगों की मौत हो गई थी और कई गंभीर रूप से जल गए।
इससे पहले बीएसएनएल के कार्यालय का 1984 में इस जमीन पर नक्शा पास था, तब इसका क्षेत्रफल 50 हजार वर्ग फुट था। साल 1996 में एलडीए ने इसके पीछे की जमीन के कुछ हिस्से पर करीब 35,000 वर्ग फुट का आवासीय नक्शा पास किया था, जिस पर बाद में गुलमोहर अपार्टमेंट बनाया गया। बाकी जमीन उसके मालिक ने लेवाना ग्रुप को बेच दी थी, जिस पर लेवाना होटल बिना नक्शा पास किए बनाया गया था।
एलडीए अधिकारियों ने मिलीभगत के चलते इस निर्माण को नहीं रोका। इससे पहले 26 मई 2022 को एलडीए ने होटल को नोटिस जारी किया था। जवाब न मिलने पर 26 अगस्त 2022 को फिर से नोटिस जारी किया गया। सोमवार को आग लगने के बाद अधिकारियों को इस होटल की फाइल मिली, अब इसे सील कर दिया गया है और इसे ध्वस्त करने के आदेश दिए गए हैं. कानूनी कार्रवाई के बाद अब इस पर बुलडोजर चलना तय है।
गौरतलब है कि मालिकों को होटल के अंदर अतिरिक्त सीढिय़ां बनाने का भी आदेश दिया गया था, लेकिन होटल समूह अपना काम करता रहा। 16 फरवरी 2021 को पहली बार दमकल विभाग ने अतिरिक्त सीढिय़ां बनाने के निर्देश दिए थे। इसमें एक शर्त थी कि निर्देशों का पालन नहीं करने पर एनओसी रद्द मानी जाएगी। इसके सात महीने बाद यानी 23 अक्टूबर 2021 को फिर से नोटिस जारी किया गया, जिसमें स्पष्ट आदेश थे कि यदि पूर्व में जारी नोटिस में अतिरिक्त सीढिय़ां बनाने की शर्त स्वीकार नहीं की गई तो कार्रवाई की जाएगी और फायर एनओसी स्वचालित रूप से रद्द माना जाता है। लेकिन इस बार भी होटल मालिकों ने इस चेतावनी को नजऱअंदाज कर दिया.
बता दें कि होटल में आग लगने के मामले में पुलिन ने होटल के दो मालिकों रोहित और राहुल अग्रवाल और उनके मैनेजर सागर श्रीवास्तव के खिलाफ मामला दर्ज किया है. हादसे की जांच के लिए लखनऊ संभाग के मंडलायुक्त रोशन जैकब और पुलिस आयुक्त एसबी शिरोडकर को जांच कर जल्द से जल्द रिपोर्ट सरकार को सौंपने का आदेश दिया गया है. एक ओर जहां शुरुआती जांच की रिपोर्ट जांच टीम ने सौंप दी है तो वहीं होटल मालिकों और मैनेजर को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। एक मालिक अभी भी फरार बताया जा रहा है।

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