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लखनऊ। राजधानी लखनऊ में तैनात कमिश्नर को सरकारी बंगले के चक्कर में कमिश्नरी की कुर्सी से हाथ धोना पड़ गया। एलडीए से एक पत्र के वायरल होते ही, कमिश्नर चर्चा में आ गये, मामला तूल पकड़ते ही सरकार ने उन्हें उनके पद से हटा कर, सचिव नगर विकास के पद पर तैनाती दे दी है। तो वहीं इस प्रकरण पर चुप्पी साधे रहे एलडीए वीसी अक्षय त्रिपाठी को भी हटा दिया गया। वहीं अब लखनऊ के कमिश्नर पद का अतिरिक्त प्रभार डा. रौशन जैकब को दिया गया है। तो दूसरी ओर एलडीए वीसी की जिम्मेदारी इंद्रमणि त्रिपाठी को दी गयी है।
आपको बताते चले कि बटलर पैलेस मंे सरकारी बंगला ए-3 है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के प्रमुख सचिव रहे रविंद्र सिंह निवास कर रहे थे, करीब 2 महीने पूर्व उनके सेवानिवृत्त होने के बाद यह बंगला खाली हो गया था, जिसे लगभग एक महीने पूर्व यह बंगला लखनऊ के मंडलायुक्त रंजन कुमार को एलॉट किया गया था। कमिश्नर साहब को बंगला एलॉट होते ही उन्होंने बंगले की साज सज्जा के लिए एलडीए को जिम्मा सौंप दिया, जानकारी के अनुसार, कमिश्नर रंजन कुमार के बंगले की मरम्मत के लिए एलडीए से 81 लाख रुपये की मांग की गई थी। एलडीए के मुख्य अभियंता इंदु शेखर ने 21 जून को अवस्थापना मद से यह रकम देने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद अगले ही दिन मुख्य अभियंता इंदु शेखर का तबादला कर दिया गया, उन्हें एलडीए से हटाकर आवास बंधु भेज दिया गया था। इसके बाद मुख्य अभियंता इंदु शेखर ने कमिश्नर पर पिछले एक साल में अवस्थापना मद से होने वाले कार्यों की एक भी बैठक न करने और प्रबंध नगर योजना में चहेते आर्किटेक्ट को काम दिलवाने के जमकर आरोप लगाया थे। इन सब मामले में एलडीए वीसी अक्षय त्रिपाठी की चुप्पी सवाल खड़ा कर रही थी, वहीं मामला तूल पकड़ता देख सरकार ने एलडीए वीसी व मंडलायुक्त दोनो को उनके पद से हटा दिया। इस पूरे मामले से मुख्यमंत्री काफी नाराज बताये जा रहे है, मुख्यमंत्री कार्यालय जल्द ही इस प्रकरण की पूरी रिर्पोट से मुख्यमंत्री को अवगत करायेगा।