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नई दिल्ली। झारखंड हाईकोर्ट ने दुमका की बेटी अंकिता की हत्या मामले में स्वत: संज्ञान लिया है. पूरे मामले में झारखंड के डीजीपी को तलब किया है औऱ पूरे मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. साथ ही पीडि़त परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने का भी दिशानिर्देश जारी किया है. बता दें कि अंकिता दुमका के नगर थाना क्षेत्र के जरूवाडीह मोहल्ले में रहती थी. 23 अगस्त को अंकिता अपने घर में सोई हुई थी, तभी लगभग 5 बजे पड़ोस के शाहरुख हुसैन ने खिडक़ी से पेट्रोल डालकर उसे आग लगा दी.
घटना के बाद आनन-फानन में परिजन उसे दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले गए, जहां से प्राथमिक इलाज के बाद उसे रिम्स रेफर कर दिया गया था. वहीं पांच दिन बाद शनिवार देर रात उसकी मौत हो गई. बताया जा रहा है कि आरोपी युवती से एकतरफा प्यार करता था, जब लडक़ी ने बात करने इंकार कर दिया तो उसने उसे मार डाला.
वहीं अब अंकिता की हत्या के मामले की जांच के लिए एसआईटी की टीम का गठन कर दिया गया है. इस टीम का नेतृत्व पुलिस अधीक्षक करेंगे. इसके साथ ही एफएसएल की टीम ने आज मृतक अंकिता सिंह के घर 7 दिनों बाद पहुंचकर सबूत इक_ा कर लिए हैं. टीम ने अंकिता के घर से कई साक्ष्य इकठ्ठा किए हैं.
अंकिता हत्याकांड के बाद झारखंड के लोगों में खूब आक्रोश है. सोमवार की रात बड़ी संख्या में लोगों ने कैंडल मार्च निकाल कर इस वारदात की निंदा की थी. साथ ही अब राज्य की कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं. लोगों के आक्रोश को देखते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वारदात की निंदा करते हुए आरोपी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि छात्रा के परिजनों को भी उचित मुआवजा दिया जाएगा.
वहीं इस मुद्दे को लेकर भारतीय जनता पार्टी लगातार हेमंत सोरेन सरकार पर हमला कर रही है. बीजेपी ने पुलिस पर आरोपी को बचाने का आरोप लगाया है. पूर्व सीएम बाबुलाल मरांडी ने डीएसपी नूर मुस्तफा का नाम लेते हुए कहा कि उन्होंने जानबूझ कर नाबालिग मृतका को बालिग करार देने की कोशिश की. बता दें कि डीएसपी नूर मुस्तफा के इस बयान के बाद ही एसपी अंबर लकड़ा ने बताया कि मृतका नाबालिग ही है. एसपी लकड़ा के इस बयान के बाद बीजेपी ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है.