Breaking News

पूर्व अस्पताल कर्मी का दावा, सुशांत का हुआ था मर्डर

Getting your Trinity Audio player ready...

मुंबई। 14 जून 2022 को दोपहर में जब सुशांत सिंह राजपूत की मौत की खबर आयी तब हर कोई चौंक गया। किसी को यकीन नहीं था इतना होनहार और हिट एक्टर आखिर क्यों जिंदगी से इतना परेशान हो गया कि उनके मौत को गले लगा लिया। सुशांत सिंह रात पूत की मौत कैसे हुई ये बात आज भी एक राज है। अब ढ़ाई साल बाद जून 2020 में सुशांत सिंह राजपूत का पोस्टमॉर्टम करने वाले मुंबई के सरकारी अस्पताल के एक पूर्व कर्मचारी ने दावा किया कि अभिनेता ने खुदकुशी नहीं की और उनके शव पर चोट के निशान थे।
कूपर अस्पताल से पिछले महीने सेवानिवृत्त हुए रूपकुमार शाह ने अपने दावों के समर्थन में कोई सबूत पेश नहीं किया। राजपूत 14 जून, 2020 को उपनगरीय बांद्रा में अपने फ्लैट में फंदे से लटके पाए गए थे। शवगृह सहायक के रूप में काम कर चुके शाह ने समाचार चैनल से कहा, ‘‘जब मैंने राजपूत के शव को देखा तो चोट के निशान थे और किसी दबाव के कारण गर्दन के चारों ओर कुछ निशान थे। मैं करीब 28 साल से शव परीक्षण कर रहा था। गला घोंटने और फंदा से लटकने के निशान अलग-अलग होते हैं।’’ शाह ने कहा कि वह इस मामले के बारे में अब बोल रहे हैं, क्योंकि वह इस साल नवंबर में सेवा से सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने दावा किया, ‘‘जब मैंने राजपूत के शव पर अलग-अलग निशान देखे तो मैंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मुझे नजरअंदाज कर दिया।
सुशांत सिंह राजपूत की बहन श्वेता सिंह कीर्ति जो अकसर सुशांत के फैंस के साथ सोशल मीडिया के जरिए रूबरू होती रहती हैं। उन्होने एक रूपकुमार शाह का बयान पोस्ट करते हुए पीएम मोदी से इंसाफ की अपील की है। पुलिस सुशांत की मौत को आत्महत्या बताकर केस बंद कर चुकी है। मगर, अब अटॉप्सी स्टाफ के मेंबर का यह दावा किए जाने पर कि ‘सुशांत ने आत्महत्या नहीं की थी, बल्कि उनका मर्डर हुआ था’, ऐसे में सुशांत की बहन श्वेता सिंह कीर्ति ने रूपकुमार की सुरक्षा को लेकर मांग की है। इस बारे में उन्?होंने पीएम मोदी को मेंशन कर ट्वीट भी किया है।
सुशांत की आखिरी तस्वीरों में उनके चेहरे और माथे पर चोटें थी लेकिन पुलिस ने इस मामले को आत्महत्या कहा था। काफी हंगामा भी हुआ लेकिन पुलिस अपने बयान पर कायम रही। कंगना रनौत खुलकर सुशांत सिंह राजपूत के साथ खड़ी हुई और उन्होंने कड़े शब्दों में ये कहा कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या हैं। महीनों तक खूब हंगाना हुआ और केस सीबीआई को सौंप दिया गया था लेकिन तब-तक सीबीआई के पास जांच करने के लिए कुछ बचा ही नहीं था।

Check Also

बैरीकेटिंग से टकराकर युवक की मौत

Getting your Trinity Audio player ready... लखनऊ,(माॅडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)ः राजधानी में सुरक्षा की दृष्टि से …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *