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लखनऊ,(माॅडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)ः उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने आज पशुपालन निदेशालय में निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु 11 जनपदों के 18 वृहद गो संरक्षण केन्द्रों का वर्चुवल लोकार्पण तथा 7 जनपदों के 15 वृहद गो संरक्षण केन्द्रों का शिलान्यास किया। प्रदेश के जनपद आगरा, ललितपुर, हरदोई में दो-दो, अमरोहा, महोबा में तीन-तीन तथा अमेठी, जालौन, एटा, सुल्तानपुर, जौनपुर तथा बरेली में एक-एक वृहद गो संरक्षण केंद्रो का शत प्रतिशत निर्माण पूर्ण हो चुका है। इन केंद्रों के निर्माण में राज्य सरकार द्वारा प्रति केंद्र रु 160.12 लाख धनराशि व्यय की गई है। इसके अतिरिक्त आगरा में 04, हापुड़ में 03, हरदोई, मिर्जापुर में दो-दो, पीलीभीत, बाराबंकी तथा शाहजहाँपुर में एक-एक वृहद गो संरक्षण केन्द्र का शिलान्यास भी वर्चुअली किया गया। सभी 33 वृहद गोसंरक्षण केन्द्रों के निर्माण लागत रू0 5283.96 लाख है। प्रति केंद्र में लगभग 400 गोवंश को संरक्षित किया जा सकता है।
पशुधन मंत्री ने इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायकों, ग्रामप्रधानों, जिलाधिकारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी तथा केयरटेकरों से भी गोवंश के रखरखाव और सहयोग पर बात की। उन्होंने संबंधित जनपदों के मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया कि गोवंश संरक्षण के कार्यों को पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ किया जाए, केन्दों पर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। ठंड के दृष्टिगत ठंड से बचाव की व्यवस्था की जाये। गोशालाओं में गाय भूखी न रहे, चारा, भूसा, प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार निराश्रित गोवंशों के कारण किसानों की फसलों को नुकसान से बचाने तथा मार्ग दुर्घटनाओं के कारण होने वाली जनहानि को रोकने के लिए दृढ़ संकल्पित है। प्रदेश में 7,643 गो आश्रय स्थलों की स्थापना की जा चुकी है, जिसमें कुल 12,14,972 निराश्रित गोवंश संरक्षित है। श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशन में निराश्रित गोवंश का संरक्षण एवं संवर्धन निरंतर किया जा रहा है। पशुपालकों एवं किसानों की आय में बढ़ोत्तरी करना सरकार का मुख्य उद्देश्य है और इस दिशा में विभाग द्वारा निरन्तर सार्थक एवं सराहनीय कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पशुधन के स्वास्थ्य एवं उत्पादकता के दृष्टिगत टीकाकरण कार्य नियमित रूप से सम्पादित किया जा रहा है और विभाग की सभी योजनाओं का लाभ किसानों और पशुपालकों को दिया जा रहा है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि नस्ल सुधार एवं कृत्रिम गर्भाधान पर जोर दिया जाये। विभाग की योजनाओं का लाभ किसानों और पशुपालकों तक समय से पहुचायें और योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार भी कराये।