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नई दिल्ली। माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस की मौजूदगी में हत्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पहले ही याचिकाएं दायर हो चुकी हैं। इनमें मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में कमेटी बनाने की मांग की गई है। अब इस मामले में यूपी सरकार ने एक कैविएट दाखिल की है।
योगी सरकार ने इस कैविएट के जरिए मांग की है कि बिना उसका पक्ष सुने इस मामले में कोई आदेश पास न किया जाए। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में अतीक और अशरफ की हत्या की जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व जज की अध्यक्षता में एक कमेटी के गठन की मांग की गई थी। कोर्ट ने इस मामले को 28 अप्रैल के लिए लिस्ट करने का निर्देश दिया है। यह याचिका वकील विशाल तिवारी ने दायर की है, जिन्होंने यूपी में 2017 के बाद से हुए 183 एनकाउंटरों की जांच की मांग की है। तिवारी ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच के सामने इस मामले में तत्काल सुनवाई की मांग की थी। हालांकि, कोर्ट ने इस मामले को 28 अप्रैल को लिस्ट करने के निर्देश दिए।
पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने भी सुप्रीम कोर्ट में लेटर पिटिशन दाखिल करके अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या मामले की सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच कराने की मांग की है। अमिताभ ठाकुर ने याचिका में कहा है कि भले ही अतीक अहमद और उसका भाई अपराधी हों मगर जिस तरह से उनकी हत्या हुई, उससे इस घटना के राज्य पोषित होने की पर्याप्त संभावना दिखती है।