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लखनऊ। उ0प्र0 मानवाधिकार आयोग ने संजय गांधी स्नातकोत्तर आर्युविज्ञान संस्थान (एस0जी0पी0जी0आई0), लखनऊ द्वारा राजकीय कर्मियों को अच्छी चिकित्सा के लिए राज्य के बाहर किसी अन्य अस्पताल के लिए सन्दर्भित (रिफर) न करने के मामले को गम्भीरता से लेते हुए संस्थान को नोटिस जारी किया है। आयोग यह जानना चाहता है कि किन नियमों के अंतर्गत संजय गांधी स्नातकोत्तर आर्युविज्ञान संस्थान, लखनऊ के डाक्टरों द्वारा राज्य कर्मियों को इलाज के लिए प्रदेश से बाहर सन्दर्भित नहीं किया जा रहा है। आयोग के संज्ञान में आया है कि राजकीय कर्मियों का संजय गांधी स्नातकोत्तर आर्युविज्ञान संस्थान (एस0जी0पी0जी0आई0), लखनऊ में इलाज किया जाता है और यदि कोई राजकीय कर्मी इस संस्थान के द्वारा किये जा रहे इलाज से सन्तुष्ट नहीं है और वह प्रदेश से बाहर दिल्ली अथवा मुम्बई में किसी आति विशेषज्ञ अस्पताल में इलाज कराना चाहता है तो ऐसी परिस्थिति में संजय गांधी स्नातकोत्तर आर्युविज्ञान संस्थान के डॉक्टरों द्वारा उस राजकीय कर्मी को प्रदेश से बाहर अच्छे इलाज के लिए संन्दर्भित नहीं किया जाता है। आयोग का कहना है कि किसी भी राज्य कर्मी का यह मूल-मानव अधिकार है कि वह अच्छे से अच्छा इलाज कराये ताकि उसका जीवन सुरक्षित एवं स्वस्थ रहे। संजय गांधी स्नातकोत्तर आर्युविज्ञान संस्थान के द्वारा संन्दर्भित न किये जाने पर वह राज्यकर्मी अपने इलाज के लिए राजकोष से धन आहरित करने में भी समर्थ नहीं हो पाता, जो कि चिन्ता का विषय है। आयोग ने इस पूरे प्रकरण में एसजीपीजीआई के निदेशक को इस संबध मंे 7 सितम्बर तक जवाब देने के निर्देश दिये हैं।