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लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने लखनऊ के गोमती नगर स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में मनाये जा रहे संस्कृत सप्ताह महोत्सव में ‘हर घर तिरंगा कार्यक्रम’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि संस्कृत हमारी सनातन परम्परा का अभिन्न अंग है। हमारी मूल भाषा संस्कृत है। हमें अपनी संस्कृति और सभ्यता पर गर्व करना चाहिये। लगभग 8 हजार साल पूर्व हमारे वेदों की रचना भी संस्कृत में की गई है। हमें हर भाषा का ज्ञान होना चाहिए। संस्कृत भाषा के साहित्य के ज्ञान में सीखने के लिये बहुत कुछ है। संस्कृत में वैदिक गणित है। विदेशों में लोग संस्कृत के बारे में रिसर्च करते हैं।उन्होंने कहा कि संस्कृत हमारी वैज्ञानिक भाषा है। इसमें ज्ञान का भंडार है। विश्वविद्यालय को संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करना चाहिये। संस्कृत विश्वविद्यालय में ओपन डे का आयोजन कर सकते हैं, जिसमें संस्कृत भाषा के बारे में आम जनमानस को जागरूक करें। वैदिक गणित के बारे में भी लोगों को बताएं।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा संस्कृत सप्ताह महोत्सव का आयोजन किया जाना प्रशंसनीय है। विश्वविद्यालय के 400 विद्यार्थी देश में संस्कृत भाषा को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। यह गर्व का विषय है। यह नए भारत का उदय है। देश में संस्कृत को आगे बढ़ाने के लिए लगे हुए है। उन्होंने सभी से अपने घरों पर तिरंगा फहराने तथा अपने आसपास के लोगों को प्रेरित करने का आह्वान करते हुये कहा कि भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस विशेष तरीके से मनाया जा रहा है। आजादी के अमृत पर्व पर हर तरफ उत्सव का माहौल है। पूरे उत्तर प्रदेश में हर घर तिरंगा महोत्सव मनाया जा रहा है। देश की आजादी के लिए कई महानुभाव ने अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया था। 76वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उन्हीं को याद करने का मौका है। इससे पूर्व, मुख्य सचिव ने पवित्रमंत्रों के साथ भगवान शंकर की पूजा की। वहीं कार्यक्रम में संस्कृत विश्वविद्यालय के निदेशक सर्वनारायण झा ने ‘संस्कृत सप्ताह महोत्सव’ पर वर्तमान समय में संस्कृत की उपयोगिता को रेखांकित किया। कार्यक्रम में प्रोफेसर लोक मिश्र, प्रोफेसर शिशिर त्रिपाठी, प्रोफेसर देवी प्रसाद द्विवेदी, वेद विभागाध्यक्ष डॉक्टर डी. दयानाथ, छात्र- छात्राएं आदि मौजूद थे।