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नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव के लिए इस बार यशवंत सिन्हा विपक्ष के कॉमन उम्मीदवार होंगे. विपक्षी नेताओं की बैठक के बाद कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने इसकी घोषणा की है. जयराम रमेश ने कहा कि हमने (विपक्षी दलों) सर्वसम्मति से फैसला किया है कि यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के संयुक्त प्रत्याशी होंगे. विपक्ष की बैठक के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त विपक्ष की ओर से सर्वसम्मति के उम्मीदवार के रूप में चुना गया है. यशवंत सिन्हा 27 जून को सुबह 11.30 बजे राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन करेंगे.
आपको बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार में यशवंत सिन्हा वित्त मंत्री और विदेश मंत्री का कार्यभार संभाल चुके हैं. यशवंत सिन्हा ने 2018 में बीजेपी को छोड़ा था, वह अब तृणमूल कांग्रेस ( ञ्जरूष्ट) के उपाध्यक्ष हैं. उन्होंने मंगलवार को अपने ट्वीट में लिखा कि टीएमसी पार्टी में मुझे इतना सम्मान और प्रतिष्ठा देने के लिए मैं ममता जी का शुक्रगुजार हूं. अब समय आ गया है कि मैं एक बड़े राष्ट्रीय हित में पार्टी से अलग होकर विपक्ष की वृहद एकता के लिए काम करूं.
यशवंत सिन्हा के इसी ट्वीट के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा था कि शायद उन्हें विपक्ष का राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित किया जा सकता है. हालांकि उन्होंने अपने इस ट्वीट के अलावा राष्ट्रपति चुनाव पर कुछ भी कहने से मना कर दिया. बताया जा रहा है कि यशवंत सिन्हा का नाम सामने आने से पहले विपक्ष ने तीन और नेताओं को इस पद के लिए अनुरोध किया था. ये तीन नेता हैं- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी. पहले दो नेताओं के मना करने के बाद सोमवार को गोपालकृष्ण गांधी ने भी विपक्ष के इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था.