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नष्ट होने के कगार पर हैं हजारों कोरोना वैक्सीन

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नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में कोरोनावैक्सीन नष्ट होने के कगार पर है. स्टॉक में रखे कोवैक्सीन, कोविशील्ड , कॉर्बीवैक्स के वैक्सीन की एक्सपायरी डेट के करीब हैं. नवीनतम उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, अकेले कोलकाता जिले में कोवैक्सीन की 9500 खुराक, कोविशील्ड की 6000 खुराक और कॉर्बीवैक्स की 220 खुराक स्टॉक में हैं. यह वैक्सीन नष्ट नहीं हो. यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किया है कि स्टॉक में रखे टीकों को बर्बाद न हों, जिन लोगों का अभी तक टीकाकरण नहीं हुआ है, उन्हें घर-घर जाकर टीकाकरण करने के लिए कहा गया है.

बंगाल स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि जिनकी वैक्सीन की खुराक बाकी है और अभी तक नहीं ली है. उन्हें टीका लगायी जाए. इस बारे में डोर टू डोर अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है.
उल्लेखनीय है कि 12 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश में कोविशील्ड की 2 लाख 89 हजार 120 खुराक का भण्डारण किया गया था. कोवैक्सीन के 3 लाख 3 हजार 550 डोज और कॉर्बिवैक्स के 1 लाख 50 हजार 360 डोज का स्टॉक था. राज्य स्वास्थ्य विभाग पहले से ही उन लोगों के टीकाकरण की निगरानी कर रहा था, जिन्हें अभी तक बूस्टर खुराक नहीं मिली है. स्वास्थ्य विभाग यह चाहता है कि किसी भी कीमत पर कोरोना वैक्सीन बर्बाद नहीं हो और एक्सपायरी डेट के पहले उनका इस्तेमाल कर लिया जाए. दूसरी ओर, इस संबंध में पूछे जाने पर टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. स्वास्थ्य विभाग के संबद्ध अधिकारी ही इस बाबत कोई जानकारी दे पाएंगे.
बता दें कि चूंकि कोरोना का प्रकोप कुछ कम हुआ है, इसलिए समाज के एक वर्ग में टीकाकरण के प्रति अनिच्छा देखी गई है. जब बूस्टर खुराक लेने का समय आता है, तब भी कई लोग इसे नहीं लेते हैं. ऐसे में राज्य में स्टॉक में रखे टीके एक्सपायरी डेट तक पहुंच गये हैं. इसलिए, राज्य उन लोगों के टीकाकरण को पूरा करने पर अधिक ध्यान दे रहा है जिनका अभी तक टीकाकरण नहीं हुआ है. स्वास्थ्य विशेषज्ञ पहले ही बार-बार कह चुके हैं कि कोविड अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. स्वास्थ्य विशेषज्ञ कई बार कह चुके हैं कि इस स्थिति में कोरोना से लडऩे के लिए टीकाकरण बेहद जरूरी है, लेकिन अब लोगों में कोरोना वैक्सीन को लेकर काफी उदासीनता दिख रही है. इस कारण लोग वैक्सीन नहीं ले रहे हैं.

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