लखनऊ। मैनपुरी लोकसभा सीट और रामपुर व खतौली विधानसभा सीट पर आज शाम चुनाव प्रचार थम जाएगा। आज शाम छह बजे तक यूपी की तीन सीटों पर हो रहे उपचुनाव प्रचार का अंतिम दिन है। उम्मीदवार बिना किसी तामझाम के मतदाताओं के साथ संपर्क साध सकते हैं। बता दें कि अब इस तरह उम्मीदवारों के पास मतदाताओं को लुभाने के लिए बेहद कम समय बचा हुआ है।
उप चुनाव के लिए पांच दिसंबर को वोटिंग होगी और आठ दिसंंबर को परिणाम आएंगे। सभी प्रत्याशी आज शाम तक जनसभाएं कर सकेंगे। शुक्रवार को सीएम योगी ने मैनपुरी और रामपुर में जनसभा कर पूरी ताकत झौंक दी। वहीं अखिलेश यादव के साथ शिवपाल यादव और आजम खां ने भी सपा उम्मीदवारों को उपचुनाव में जिताने के लिए जमकर प्रचार-प्रसार किया
मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट और आजम खां को सजा सुनाए जाने से खाली हुई रामपुर सीट व पूर्व विधायक विक्रम सैनी की विधानसभा सदस्यता रद होने के बाद खाली हुई खतौली विधानसभा सीट पर पांच दिसंबर को मतदान होना है।
तीनों सीटों पर शनिवार शाम पांच बजे तक रोड शो, जनसभा, रैलियों के जरिए प्रचार प्रसार होगा। इसके बाद बिना शोर शराबे के उम्मीदवार मतदाताओं के साथ जनसंपर्क कर सकता है।
शुक्रवार को रामपुर सीट और मैनपुरी लोकसभा सीट पर मुख्यमंत्री योगी ने चुनाव प्रचार की कमान संभालते हुए सपा पर जमकर हमला बोला। सपा ने भाजपा पर उपचुनाव में मैनपुरी सीट पर धांधली करने का आरोप लगाया। सपा ने कहा कि भाजपा चुनाव जीतने के लीजिए शराब, साड़ी और रुपये बांट रही है।
रामपुर सीट पर सपा नेता और पूर्व विधायक आजम खां ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी असीम रजा के लिए प्रचार किया। मैनपुरी और रामपुर सीट पर सपा की प्रतिष्ठïा दांव पर लगी है। ये दोनों सीटें जीतने के लिए सपा कोई कसर नहीं छोडऩा चाहती है। वहीं शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना की चुनावी जनसभा में मतदाताओं से अपील करते हुए कहा भाजपा की जीत रामपुर के विकास की गारंटी होगी। सपा नेता आजम खां का नाम लिए बगैर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग रामपुर की धरोहर को नष्ट करना चाहते थे, उन्हें सबक मिलेगा। यहां पांडुलिपियों को नष्ट करने का काम हुआ।
मैनपुरी लोकसभा सीटव रामपुर-खतौली विधानसभा सीट पर पांच दिसंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए कांग्रेस, बसपा और आम आदमी पार्टी (आप) सहित अन्य कई दलों ने अपने प्रत्याशी नहीं उतारे हैं। कांग्रेस ने पहले ही एलान कर दिया था कि वह उपचुनाव में अपने प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारेगी। वहीं बसपा ने भी उपचुनाव में प्रत्याशी नहीं उतारा है। पार्टी हाईकमान की ओर निकाय चुनावों पर ध्यान देने की बात कही गई थी। उपचुनाव में भाग लेने की स्थति में निकाय चुनावों की तैयारी प्रभावित हो सकती थी। इसलिए हाईकमान के आदेश पर यहां पर किसी को प्रत्याशी नहीं बनाया गया है।