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नई दिल्ली। नासिक से शिंदे गुट के सांसद हेमंत गोडसे ने चल रहे उग्र मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को अपना इस्तीफा भेज दिया। कार्यकर्ता मनोज जारंगे के नेतृत्व में मराठा समुदाय के सदस्यों ने सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण के लिए दबाव बनाने के लिए आंदोलन का एक नया दौर शुरू किया है। जारांगे 25 अक्टूबर से जालना जिले के एक गांव में अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं। सोमवार को मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान बीड जिले में बड़े पैमाने पर हिंसा देखी गई। इससे पहले हिंगोली से शिंदे गुट के सांसद हेमंत पाटिल ने भी सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को अपना इस्तीफा भेजा था।
वहीं, मध्य महाराष्ट्र के बीड जिले से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक विधायक ने भी मराठा आरक्षण की मांग के समर्थन में विधानसभा से अपना इस्तीफा दे दिया। गेवराई विधानसभा क्षेत्र के विधायक लक्ष्मण पवार ने कहा कि मराठा आरक्षण का मुद्दा वर्षों से लंबित है। भाजपा राज्य में शिवसेना के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है, जहां राकांपा (अजित पवार गुट) भी एक घटक है। लक्ष्मण पवार का फैसला महाराष्ट्र के नासिक और हिंगोली से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के दोनों वफादारों, शिवसेना सांसदों के मराठा आरक्षण की मांग के समर्थन में इस्तीफा देने के बाद आया है।
एक अधिकारी ने बताया कि मध्य महाराष्ट्र के बीड में भी इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। इसमें कहा गया है कि 29 अक्टूबर की आधी रात से आंदोलन तीव्र हो गया जब जिले में विभिन्न अधिकारियों की बसों और सरकारी वाहनों को आग लगा दी गई। आदेश में कहा गया है कि कफ्र्यू कलेक्टर कार्यालय, तालुका के मुख्य कार्यालयों के साथ-साथ जिले से गुजरने वाले सभी राष्ट्रीय राजमार्गों से 5 किलोमीटर की परिधि में लागू किया गया था। महाराष्ट्र के बीड जिले में मराठा आरक्षण के लिए चल रहे आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने 49 लोगों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। नेताओं की संपत्तियों को निशाना बनाकर हिंसा और आगजनी की कई घटनाओं के बाद सोमवार शाम को बीड जिले के कुछ हिस्सों में कफ्र्यू लगा दिया गया था।