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नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा में अशोभनीय आचरण करने के आरोप में निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी और कांग्रेस के 14 विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष ने हंगामे के बीच दिन भर के लिए बुधवार को सस्पेंड कर दिया है. इस दौरान सभी विपक्षी विधायकों को मार्शलों की मदद से सदन से बाहर निकाला गया है. दरअसल, विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष सुखराम राठवा ने आंदोलनकारी सरकारी कर्मचारियों, किसानों, आंगनबाडी कार्यकर्ताओं और पूर्व सैनिकों से जुड़े मुद्दों पर आधे घंटे की विशेष चर्चा की मांग की थी.
ऐसे में जब विधानसभा स्पीकर निमाबेन आचार्य ने राठवा की मांग को ठुकरा दिया तो विधायक जिग्नेश मेवाणी और कांग्रेस के अन्य विधायक सदन के वेल के पास पहुंचे और नारेबाजी करने लगे. इस दौरान सभी विपक्षी विधायकों ने विधानसभा में जमकर नारेबाजी करते हुए कहा कि कर्मचारियों को न्याय दो’, ‘वन कर्मचारियों को न्याय दो’. इसके साथ ही’पूर्व सैनिकों को न्याय दो’ के नारे वाली तख्तियां भी लहराईं.
वहीं, अपनी पार्टी के सहयोगियों की लगातार नारेबाजी के बीच विपक्ष के उप नेता शैलेश परमार ने पूछा, जब लगभग सभी विभाग के इतने सारे कर्मचारी अपने-अपने लंबित मामलों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं तो आखिर बीजेपी सदन में इन मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार क्यों नहीं है? ऐसे में जब विपक्षी दल के विधायक विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश के बावजूद अपनी सीट पर नहीं गए तो गुजरात के विधायी और संसदीय कार्य मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने आसन के सामने बैठे विधायकों को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया गया.
इस दौरान विधानसभा में विपक्षी पार्टियों के विधायकों ने बहुमत पर तेजी से नारेबाजी शुरु कर दी. इस पर विधानसभा स्पीकर निमाबेन आचार्य ने निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी समेत अन्य 14 अन्य कांग्रेस विधायकों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया. इस दौरान उन्हें मार्शलों ने सदन के पटल से बाहर निकाल दिया.