Breaking News

अपना अस्तित्व खो चुकी नदियों को फिर से मिलेगी उनकी पहचान

Getting your Trinity Audio player ready...

लखनऊ। जीवनदायंनी नदियों को पुर्नजीवित करने के लिए ग्राम्य विकास आयुक्त जी.एस. प्रियदर्शी ने अभिनव पहल की है। श्री प्रियदर्शी ने प्रदेश की विलुप्तप्राय नदियों के पुनरूद्धार के लिए उनको चिन्हित कर, इन नदियों का एटलस जारी किया है। खास बात यह है कि इसमंे ऐसी नदियों को चिन्हित किया गया है, जो नदी कभी समय के साथ अपना अस्तित्व खो चुकी थी। श्री प्रियदर्शी के प्रयास से ऐसी नदियों में फिर से जलधारा बहेगी
जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022-23 में मनरेगा के अंतर्गत 75 विलुप्तप्राय नदियों के पुनरोद्धार का निर्णय उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशन में ग्राम्य विकास विभाग द्वारा लिया गया है, जिसके लिए सबसे महत्वपूर्ण कदम ऐसी छोटी नदियों का चिन्हांकन है। इस क्रम में आयुक्त ग्राम्य विकास जी. एस. प्रियदर्शी की पहल से तकनीकी संस्थाओं यथा आईआईटी कानपुर, आईआईटी बीएचयू, एनआईएच रुड़की, बीबीएयू लखनऊ तथा जीआईजेड इंडिया का सहयोग प्राप्त किया जा रहा है। डॉ0 अम्बेडकर इण्टर नेशनल सेन्टर 15 जनपथ नई दिल्ली में आयोजित 7वीं इण्डिया वाटर कम्पैक्ट समिट-2022 मंे आज आयुक्त, ग्राम्य विकास जी एस प्रियदर्शी एवं प्रोफेसर विनोद तारे, कम्पोजिट गंगा -’’सेन्टर फॉर गंगा रिवर बेसिन मैनेजमेन्ट स्टडीज आईआईटी कानपुर’’ द्वारा उत्तर प्रदेश की सभी विलुप्तप्राय छोटी नदियों का एटलस जारी किया गया, जिसकी मदद से इन नदियों को लोकेट करने एवं इन पर कार्य कराया जाना संभव हो सकेगा। इस एटलस में सभी नदियों का नाम, उनकी लंबाई, जियोलोकेशन, मैप आदि की जानकारी उपलब्ध है। ग्राम्य विकास आयुक्त जी एस प्रियदर्शी ने बताया कि इस एटलस को समस्त जनपदों को उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे कि उत्तर प्रदेश में विलुप्तप्राय नदियों के पुनरोद्धार को सुगमता से किया जा सके।

Check Also

 नाम पर संग्राम? अब बॉलीवुड सेलिब्रिटी और पॉलिटिशियन के बीच बयानबाजी शुरू

Getting your Trinity Audio player ready... लखनऊ, (माॅडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)ः बीते दिनों मुजफ्फरनगर प्रशासन ने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *