लखनऊ/बहराइच। कलेक्ट्रेट स्थित जिलाधिकारी के चैम्बर में आज कालजयी साहित्यकार मुंशी प्रेम चन्द की अमर कहानी ‘‘दो बैलों की जोड़ी’’ जीवित हो गई। मौका था ग्राम बहोरिकपुर, परगना फखरपुर तहसील महसी निवासी किसान अमरनाथ पुत्र मुन्नालाल को बैल की मौत के मुआवज़े से सम्बन्धित चेक देने का। मुंशी प्रेम चन्द की कहानी दो बैलो की जोड़ी के पात्र झुरी के पास हीरा और मोती के नाम दो बैल थे जिससे किसान टूटकर प्यार करता है। आज ठीक वहीं स्थित चैम्बर में खड़े किसान अमरनाथ की भी थी जो अपने हीरा और मोती जैसे बैल की मौत के मुआवज़े का चेक जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र के हाथों प्राप्त कर रहा था।
जानकारी के अनुसार 10 फरवरी 2019 को ग्राम बहोरिकपुर के किसान अमरनाथ के बैल की मौत विद्युत पोल में करंट उतरने के कारण हो गयी थी। बैल की मौत का मुआवज़ा प्राप्त करने के लिए किसान लगातार प्रयास कर रहा था लेकिन उसे सफलता नहीं मिल रही थी। इसी बीच बीती 16 जुलाई 2022 को तहसील महसी में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस के अवसर पर किसान ने अपनी फरियाद जिलाधिकारी के समक्ष रखी और अपने हीरा मोती जैसे बैलों की मौत का मुआवज़ा दिलाये जाने की गुज़ारिश की। डीएम डॉ. चन्द्र ने किसान की तकलीफ को समझते हुए मौके पर मौजूद अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खण्ड नानपारा को निर्देश दिया कि तत्काल किसान को मुआवज़ा दिलाये जाने की कार्यवाही की जाय। डीएम के निर्देश पर विद्युत विभाग की ओर से की गई कार्यवाही के नतीजे में आज जिलाधिकारी डॉ. चन्द्र ने अपने चौम्बर में किसान अमरनाथ को बैल के मुआवज़े के तौर पर रू. 25 हज़ार की धनराशि का चेक सौंप दिया। जनसमस्याओं के प्रति अतिसंवेदनशील जिलाधिकारी डॉ. चन्द्र ने एक बार फिर इंसानियत का परिचय दिया है, वह अपने सरकारी कार्यो को लेकर जितने कड़क हैं,उतने ही गरीबों लिए दरियादिल, जिले के लोग बताते हैं कि जनसुनवाई में आने वाले सभी गरीब, ज़रूरतमन्द तथा असहाय लोगों की जिलाधिकारी द्वारा मदद की जाती है, उनकी चौखट से किसी फरियादी को निराशा हाथ नहीं लगती है।
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