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नई दिल्ली। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के दूसरे पायदान के नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी की है। एजेंसी ने केरल में 56 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। एनआईए ने बताया कि, प्रतिबंधित होने के बाद पीएफआई अन्य अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन से संपर्क में था, जिसके जरिए फंड जुटाने की कोशिश की जा रही थी। जांच एजेंसियों के मुताबिक, किसी दूसरे नाम पर पीएफआई को फिर से खड़ा करने की कोशिश की जा रही थी। एजेंसी ने बताया कि यह कार्रवाई उन लोगों के खिलाफ है, जो पीएफआई के ओवरग्राउंड वर्कर थे यानि की अधिकारिक रूप से उस संगठन में शामिल नहीं थे।
केरल में ही सितंबर के महीने से अब तक एनआईए की पीएफआई के खिलाफ पांच रेड हो चुकी हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पीएफआई नेताओं की संगठन को किसी और नाम से फिर से संगठित करने की योजना के मद्देनजर यह छापेमारी की गई है, जबकि पीएफआई के नेताओं से जुड़े आठ ठिकानों पर एर्नाकुलम में छापे मारे गए थे, तिरुवनंतपुरम में छह परिसर एनआईए के रडार पर थे।
जांच एजेंसी सूत्रों के मुताबिक देशभर में केरल में ही पीएफआई के सबसे ज्यादा सक्रिय सदस्य हैं, जो कि पिछली बड़ी कार्रवाईयों के बाद भी अपनी गतिविधियां जारी रखे हुए थे। एनआईए ने यह रेड तडक़े चार बजे शुरू की थी और खबर लिखे जाने तक यह जारी था। बता दें कि पीएफआई का गठन 2006 में केरल में हुआ था और इसने 2009 में एक राजनीतिक मोर्चा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया भी बनाया था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पिछले महीने नवंबर में भी केरल में प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के तीन ठिकानों की तलाशी ली थी। इस दौरान एक अधिकारी ने कहा कि देश में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पीएफआई की आपराधिक साजिश से जुड़े मामले के तहत यह कार्रवाई की गई।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एनआईए के प्रवक्ता ने कहा था कि राज्य के मलप्पुरम जिले में संदिग्ध लोगों के ठिकानों की तलाशी ली गई थी। इस दौरान डिजिटल उपकरणों और दस्तावेजों समेत आपत्तिजनक सामग्री बरामदगी की गई। इससे पहले 22 सितंबर को भी देशभर में 39 स्थानों पर पीएफआई के ठिकानों की तलाशी ली गई थी। इस मामले में अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।