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नोएडा। नोएडा में सांपों के जहर की तस्करी मामले में वन विभाग ने कई प्रदेशों से तार जुड़े होने की आशंका में इसकी जांच करने के लिए न केवल नेशनल वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो को पत्र लिखा है बल्कि जांच के लिए दो कमेटी भी गठित की है। हालांकि यूट्यूबर एल्विश यादव के सोशल मीडिया पर तेवर देखने के बाद अभी तक वन विभाग की प्रांरभिक रिपोर्ट में उसका नाम नहीं आया है।
सांपों के जहर की तस्करी के जरिये यूपी में करोड़ों की काली कमाई के बावजूद वन विभाग के अफसर अब जागे हैं। वन विभाग ने ब्यूरो की जांच में मदद के लिए मेरठ के वन संरक्षक के साथ ही गाजियाबाद व गौतमबुद्धनगर के डीएफओ की तीन सदस्यीय समिति गठित की है। समिति ब्यूरो के लिए तथ्यों को जुटाने का काम करेगी। प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव अंजनी कुमार आचार्य के मुताबिक विभाग ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की है।
जांच के लिए अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक प्रोजेक्ट टाइगर व मुख्य वन संरक्षक मेरठ क्षेत्र की दो सदस्यीय जांच समिति बना दी गई है। जिन पांच व्यक्तियों के पास से नौ सांप व जहर बरामद हुआ था उनके नाम ही वन विभाग की रिपोर्ट में हैं लेकिन एल्विश का नाम जिम्मेदार अफसर जांच में सामने आने के बाद जोडऩे की बात कह रहे हैं। पुलिस की रिपोर्ट में एल्विश का नाम है।
सांप का जहर सप्लाई किए जाने के मामले में दर्ज केस में एल्विश यादव का नाम दर्ज करने वाले नोएडा के सेक्टर 49 के थाना प्रभारी पर रविवार को गाज गिरी है। नोएडा के अपर आयुक्त कानून एवं व्यवस्था आनन्द कुलकर्णी ने कहा कि बढ़ते अपराध पर अंकुश न लगा पाने और विवेचना में लापरवाही पर थाना प्रभारी संदीप चौधरी को लाइन हाजिर किया गया है। चर्चा है कि कोटा पुलिस द्वारा एल्विश को रोके जाने की सूचना देर से देने पर कार्रवाई की गई है।