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नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने नई एक्साइज पॉलिसी को लेकर बड़ी कार्रवाई की है. उन्होंने इसे लागू करने में चूक को लेकर देश की राजधानी के पूर्व आबकारी आयुक्त आरव गोपीकृष्ण और पूर्व डिप्टी कमिश्नर आनंद तिवारी सहित 11 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. वहीं दूसरी तरफ दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल पर अनधिकृत क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने के मामले में अपना रुख बदलने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि इसके कारण उनकी सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है.
दरअसल दिल्ली में नई एक्साइज पॉलिसी को लेकर आम आदमी पार्टी सरकार और उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के बीच खींचतान चल रही थी. इसको लेकर केजरीवाल सरकार बीजेपी के खिलाफ भी खुलकर बोल रही है. वहीं अब दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने बनाने और उसे लागू करने में लापरवाही बरतने और नियमों की अनदेखी करने के आरोप में पूर्व आबकारी आयुक्त आर. गोपी कृष्ण और पूर्व डिप्टी कमिश्नर आनंद तिवारी समेत आबकारी विभाग के 11 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है.
वहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके नई शराब नीति को लेकर सीबीआई जांच की बात कह दी है. इस दौरान मनीष सिसोदिया ने दिल्ली की नई शराब नीति को लेकर उपराज्यपाल पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि नई शराब नीति को रद्द करने का फैसला उपराज्यपाल ने बिना कैबिनेट से बात किए लिया. इससे दिल्ली सरकार को हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हो गया. मनीष सिसोदिया ने बताया कि नई शराब नीति को उपराज्यपाल की मंजूरी के बाद ही लागू किया गया था. हम इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हैं.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने इस मामले से जुड़ी जानकारी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को भेज दी है. उन्होंने बताया कि नई आबकारी नीति के तहत अनधिकृत क्षेत्रों समेत पूरी दिल्ली में 849 दुकानें खोली जानी थीं. तत्कालीन उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इस प्रस्ताव का विरोध नहीं किया और इसे मंजूरी दे दी. उन्होंने आरोप लगाया कि नीति लागू होने से दो दिन पहले पिछले साल 15 नवंबर 2021 को तत्कालीन उपराज्यपाल ने अपना रुख बदल लिया और शर्त लगा दी कि अनधिकृत क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) से अनुमति लेनी होगी.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि तत्कालीन उपराज्यपाल के रुख में बदलाव के कारण अनधिकृत क्षेत्रों में दुकानें नहीं खोली जा सकीं, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ. दूसरी ओर, जो दुकानें खोली गई थीं, उन्होंने काफी कमाई की.मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार ने जब नई आबकारी नीति तैयार की थी, उस समय अनिल बैजल दिल्ली के उपराज्यपाल थे. इस नीति को 17 नवंबर 2021 को लागू किया गया था
फिलहाल दिल्ली सरकार ने अब यह नीति वापस ले ली है और वह एक सितंबर से पुरानी आबकारी व्यवस्था के तहत शराब की दुकानें संचालित करने की तैयारी कर रही है. मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस बात की जांच की जानी चाहिए कि अनिल बैजल ने अपना रुख क्यों बदला, जिससे कुछ लोगों को लाभ हुआ और सरकार को वित्तीय नुकसान हुआ. उन्होंने कहा कि इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि पूर्व राज्यपाल ने क्या किसी दबाव में यह फैसला किया और क्या भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का इससे कोई संबंध है.