लखनऊ/सुलतानपुर। प्रदेश के डिप्टी सीएम स्वास्थ्य महकमे की सेहत सुधारने के लिए एड़ी से चोटी तक का जोर लगाये हुये हैं, पर महकमे की सेहत सुधरने का नाम नहीं ले रही है, अस्पतालों में मरीजों की जान से खिलवाड़ की कोई न कोई घटनाएं सामने आती ही रहती है। ऐसा ही मामला सुल्तानपुर जिले में सामने आया जहां पर डॉक्टरों की लापरवाही से एक गर्भवती महिला की प्रसव के समय मौत हो गयी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सुल्तानपुर के एक अस्पताल में जनरेटर होने के बावजूद मोमबत्ती की रोशनी में प्रसव कराया गया। इलाज के अभाव में जब मां और बच्चे की हालत बिगड़ने लगी तो उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। जिसके बाद परिजन उन्हें ले जाने की तैयारी कर रहे थे कि तभी अचानक नवजात की मौत हो गई। इसके बाद तीमारदारों ने टोल फ्री नंबर पर शिकायत की गई है, पर नतीजा सिफर रहा। अभिकला निवासी अजय कुमार मौर्य की पत्नी सीताजलि को प्रसव के लिए रात साढ़े नौ बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। आधी रात को स्थिति बिगड़ी तो स्टाफ नर्स ललिता ने मोमबत्ती जलाकर महिला का प्रसव कराया। उस समय बिजली नहीं आ रही थी, लापवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अस्पताल में जनरेटर होने के बावजूद उसे नहीं चलाया गया। जन्म के दस मिनट बाद अचानक नवजात की तबीयत बिगड़ने लगी तो ड्यूटी पर मौजूद नेत्र चिकित्सक विनय कुमार वर्मा ने मां-बच्चे की जांच कर जिला अस्पताल रेफर कर दिया। परिजन जिला अस्पताल ले जाने की तैयारी कर रहे थे, तभी बच्ची की मौत हो गई।
पहले बच्चे की भी हो गयी थी मौत
एक साल पहले भी सीताजलि ने एक बच्ची को जन्म दिया था। लेकिन अगले ही दिन उसकी मौत हो गई। बीते दिनों जब उसने दोबारा बेटी को जन्म दिया तो अस्पताल की लापरवाही के चलते वह चंद घंटे भी नहीं जी सकी।
वहीं जिले के सीएमओ ने इस घटना की जानकारी न होने की बात कही, उनका कहना है कि मामले की जानकारी की जायेगी, जांच के बाद दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी।