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राजस्थान-बिहार में छात्रों पर लाठीचार्ज

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नई दिल्ली। राजस्थान की राजधानी जयपुर और बिहार की राजधानी पटना में आज छात्रों और पुलिस-प्रशासन के बीच हिंसक झड़प हो गई. पटना में एडीएम लॉ एंड ऑर्डर केके सिंह ने एक छात्र को सडक़ पर लाठियों से पीटा. छात्र के हाथ में तिरंगा था। वह तिरंगे से बचने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन गुस्से में एडीएम तिरंगे पर ही लाठियों की बरसात करते रहे. उनकी इस हरकत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. पटना डीएम ने वीडियो पर संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं. तिरंगे का अपमान जांच के दायरे में आने के कारण पटना डीडीसी और एसपी सिटी को जांच का जिम्मा सौंपा गया है.
वहीं जयपुर स्थित राजस्थान यूनिवर्सिटी में पुलिस और छात्रों के बीच जमकर मारपीट हुई. हिंसक झड़प में छात्रों ने डीपीएस मुकेश चौधरी का सिर फोड़ दिया. वहीं, पुलिस ने छात्रों पर जमकर लाठीचार्ज भी किया। कई छात्र घायल भी हुए हैं। आरोप है कि नियम तोडक़र छात्रों की भीड़ जमा हो गई। राजस्थान विश्वविद्यालय में नामांकन के पहले दिन रैली निकाली जा रही थी. इस दौरान छात्र पुलिस से भिड़ गए। पुलिस का कहना है कि ये सभी एबीवीपी के कार्यकर्ता और निर्दलीय उम्मीदवार हैं.
बता दें कि बिहार की राजधानी पटना में माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) पास करने वाले अभ्यर्थियों ने सोमवार को अलग-अलग मांगों को लेकर हंगामा किया. छात्रों ने डाकबंगला चौराहे पर अपना विरोध दर्ज कराया। नियुक्ति की मांग को लेकर सडक़ पर उतरे छात्रों के धरने को देखकर पुलिस हरकत में आई। पुलिस ने लाठीचार्ज के अलावा छात्रों को हटाने के लिए वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया। पुलिस के लाठीचार्ज से कई छात्रों को गंभीर चोटें आई हैं। पटना के एडीएम लॉ एंड ऑर्डर केके सिंह की मारपीट का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें उन्होंने एक उम्मीदवार को सडक़ पर लाठियों से जमकर पीटा. जबकि वह युवक अपने हाथों में तिरंगा थामे हुए था. छात्रों ने कहा कि सरकार हमारे साथ दुर्व्यवहार कर रही है. हम शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने अचानक हम पर लाठीचार्ज कर दिया। हमारे कई साथियों को गंभीर चोटें आई हैं। छात्रों का कहना है कि हमने एसटीईटी की परीक्षा पास कर ली है, फिर भी राज्य सरकार उन्हें नौकरी नहीं दे रही है. आपको बता दें कि एसटीईटी की परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवार लंबे समय से इसका विरोध कर रहे हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार आश्वासन के अलावा कुछ नहीं देती। आखिर क्यों नौकरी की प्रक्रिया को पूरा करने से हिचकिचा रहे हैं?
वहीं जब बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव एसटीईटी छात्रों के मुद्दे को लेकर विपक्ष के नेता थे तो उन्होंने नीतीश सरकार पर निशाना साधा था. वह छात्रों के धरने पर पहुंच जाते थे और नीतीश सरकार को उनके सामने कटघरे में खड़ा कर देते थे. वहीं अब जब तेजस्वी यादव सत्ता में आ गए हैं और उन्होंने आश्वासन दिया है कि वे जल्द ही एसटीईटी मेरिट सूची में चयनित उम्मीदवारों को नियुक्त करेंगे, तो छात्र उनसे पूछ रहे हैं कि वह आखिरकार अपना वादा कब पूरा करेंगे.

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