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लखनऊ। कांग्रेस प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि फरवरी 2023 में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक बार फिर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट कराने जा रही है। इससे पहले जनवरी 2022 में ग्राउंडब्रेकिंग सेरेमनी के माध्यम से प्रदेशवासियों को सपना दिखाया गया था कि प्रदेश में 80 हजार करोड़ का निवेश होगा। उससे पहले भी दो समिट कराई जाए चुकी है, जो कुल मिलाकर लगभग तीन लाख करोड़ का निवेश होता है। मगर धरातल पर देखा जाए तो तीन लाख करोड़ के निवेश के बावजूद भी उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी और पलायन चरम पर है। कांग्रेस प्रवक्ता संजय सिंह ने आगे कहा कि इससे पहले जो तीन इन्वेस्टर्स समिट कराई गई। अगर उसका जमीन पर कोई असर होता तो नीति आयोग की जो रिपोर्ट आई है, उसमें उत्तर प्रदेश देश के निर्धन राज्यों में प्रथम स्थान पर ना होता। चुनाव में भाजपा ने वादा किया था कि चुनाव जीतने के बाद खाली सरकारी पदों को तुरंत भरा जाएगा। मगर सरकार रोजगार के लिए अपने वादे पर ध्यान नहीं दे रही है । उन्होंने कहा कि इन्वेस्टर समिट के नाम पर नौजवानों को गुजरात की नकल करते हुए रोजगार के नाम पर झांसा दिया जा रहा है। सरकार का वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट और मेक इन इंडिया का जुमला भी रोजगार देने में फेल होता दिख रहा है। उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश लचर कानून व्यवस्था, महिला अत्याचार, बढ़ते अपराध, भुखमरी और निर्धनता में नंबर वन प्रदेश बन चुका है जो कि कभी देश के अग्रणी राज्यों में हुआ करता था। योगी सरकार से निवेदन है की इन्वेस्टर समिट के नाम पर उत्तर प्रदेश में गुजरात मॉडल प्रस्तुत करने, प्रदेशवासियों के टैक्स के पैसे से फिजूलखर्ची करने के बजाय धरातल पर काम करें और उत्तर प्रदेश वासियों, युवाओं, किसानों और गरीबों के लिए काम करें। रोजगार उपलब्ध कराएं, किसान आय बढ़ाने की व्यवस्था करें, जिससे प्रदेश वासियों का पलायन रुके।