Breaking News

खाद्य तेल की कीमत घटाने को लेकर सरकार ने उठाए ये बड़े कदम

नई दिल्ली। खाने के तेल की महंगाई से राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने बड़े कदम उठाए हैं. डिपार्टमेंट ऑफ फूड और पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन ने बैठक कर फैसला लिया है. बीते एक साल से ज्यादा का समय बीत गया, लेकिन महंगाई ने आम आदमी को राहत नहीं पहुंचाई, केंद्र सरकार की तमाम कोशिशें नाकाम साबित हुईं, उत्पादों की कीमतों को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने फैसले भी लिए, लेकिन जमीन पर इसका असर होता दिख नहीं रहा है.
खाने का तेल आज लगभग सभी वर्गों में इस्तेमाल किया जाता है. आज गरीब के लिए कच्ची घानी, सोयाबीन आयल की कीमत वही है जो दूसरे वर्ग के लोग इस्तेमाल कर रहे हैं. आलम ये है कि पाम आयल के इम्पोर्ट का रास्ता खोल देने के बाद भी खाने के तेल की कीमतों में ज्यादा असर पड़ता नहीं दिख रहा है. यही वजह है कि डिपार्टमेंट ऑफ फूड और पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन ने देश के खाने के तेल की संस्थाओं के साथ बैठक की और तेल की कीमतों में 15 रुपये तक की कटौती को लेकर आदेश जारी किए हैं.

इस समय सरसों तेल की कीमत 150 रुपये से लेकर 195 रुपये लीटर तक चल रही है. कटौती के बाद कीमत 135 रुपये लीटर कच्चे तेल की कीमत हो सकती है. वहीं, सोयाबीन आयल इस समय कच्ची घानी तेल की कीमत से भी ज्यादा है और विदेशों से खासतौर पर सोयाबीन आयल बड़ी मात्रा में आयात किया जाता है, जिससे देश की करीब 65 फीसदी आबादी तक खाने का तेल पहुंच सके. इसको लेकर मंत्रालय ने भी कीमत कम करने के आदेश दिए हैं, जिससे अब एक लीटर सोयाबीन आयल जो 180 रुपये से लेकर 200 रुपये लीटर तक है, उसकी कीमत में 15 रुपये की कटौती करने के बाद सोयाबीन आयल 160 से 175 रुपये लीटर तक हो जाएगा.
हालांकि, उम्मीद है कि कीमतों में अभी और कटौती होगी, जिससे जरूरतों को पूरा किया जा सके. सरकार ने माना कि तेल माफिया कीमतें बढ़ाने के बाद कालाबाजारी करके मुनाफाखोरी शुरू कर देते हैं. यही एक बड़ी वजह है कि सरकार की तरफ से उठाए गए फैसलों का असर बाजार पर पड़ता नहीं दिखता.

Check Also

अवैध खनन पर शासन सख्त, बनाया यह मास्टर प्लान

लखनऊ,(माॅडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)। भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार तृतीय ने प्रदेश …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *