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लखनऊ। पानी के बिना जीवन की कल्पना करना बेकार है. कहते हैं जहां पीने का पानी मौजूद है, वहां जीवन जीना आसान हो जाता है. ये हमारी बॉडी और स्किन दोनों के लिए फायदेमंद होता है. जो लोग कम पानी पीते हैं उन्हें कब्ज रहती है और कई दूसरी हेल्थ प्रॉब्लम्स से भी वे घिरे हुए रहते हैं. स्किन को हाइड्रेट रखने वाला पानी अगर कम पीया जाए, तो त्वचा काली नजर आने लगती है. इतने फायदे होने के बावजूद पानी के भी अपने कुछ नुकसान होते हैं. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि पानी पीना हमारे लिए बहुत फायदेमंद होता है, लेकिन ज्यादा प्यास लगना भी बॉडी के लिए ठीक नहीं होता.
ये हमारे शरीर में बनने वाली कुछ बीमारियों या समस्याओं का संकेत होता है. यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि ज्यादा प्यास लगना किन बीमारियों या स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के होने का संकेत होता है. जानें इनके बारे में….
डायबिटीज
इस बीमारी के होने का बहुत लेट पता चलता है, लेकिन आज भारत में इसके मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. लाइफस्टाइल में गड़बड़ी की वजह से होने वाली बीमारी में ज्यादा प्यास लगती है. मरीज को बार-बार यूरिन आता है और उसे प्यास भी लगातार लगती रहती है. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि बॉडी में ग्लूकोज लेवल के बिगडऩे पर ऐसा होता है. अगर आपको भी ज्यादा प्यास लगती है, तो तुरंत आपको ब्लड शुगर लेवल का टेस्ट करवाना चाहिए.
प्रेगनेंसी के चलते
गर्भवती महिला को हेल्थ में कई बदलाव झेलने पड़ते हैं, जिनमें से एक ज्यादा प्यास लगना है. आज के समय में प्रेगनेंट लेडी को इस पीरियड में शुगर यानी डायबिटीज हो ही जाती है. ज्यादातर केसों में बाद में ये खत्म हो जाती है, लेकिन इस पीरियड में महिलाओं को मजबूरन ज्यादा पानी पीना पड़ता है और उन्हें बार-बार यूरिन आता है. प्रेगनेंसी में ऐसा होना स्वाभाविक है, लेकिन जो महिलाएं ज्यादा प्यास लगने से परेशान हों, उन्हें डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए.
डिहाइड्रेशन
जो लोग डिहाइड्रेशन से ग्रसित होते हैं, उन्हें भी हद से ज्यादा प्यास लगना शुरू हो जाती है. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि अगर किसी के शरीर में पानी की कमी हो गई है, तो उसे अधिक प्यास लग सकती है. वैसे ये दिक्कत गर्मियों में ज्यादा देखने को मिलती है, लेकिन मॉनसून या सर्दी में भी इसे फेस करना पड़ सकता है. डिहाइड्रेशन का असर स्किन और बालों पर भी नजर आता है.
( इस लेख में दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. मॉडर्न ब्यूरोक्रेसी इनकी पुष्टि नहीं करता है. किसी विशेषज्ञ से सलाह लेने के बाद ही इस पर अमल करें.)