Getting your Trinity Audio player ready... |
लखनऊ,(माॅडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)ःसंजय गाँधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ को NAAC द्वारा A++ ग्रेड से मान्यता दी गई है। NAAC द्वारा 2 जनवरी 2025 को नए वर्ष की खुशी भरी शुरुआत के साथ यह परिणाम घोषित किया गया। निदेशक प्रोफेसर राधा कृष्ण धीमन ने बताया कि एसजीपीजी NAAC से A++ प्राप्त करने वाला उत्तर प्रदेश का पहला चिकित्सा संस्थान है। उन्होंने कहा कि उच्चतम ग्रेड (ए++) संस्थान के विकास और अवधारणा के लिए अत्यंत सहायक सिद्ध होगा। संस्थान मान्यता के पहले चक्र में A++ प्राप्त करने वाला पहला सरकारी विश्वविद्यालय है। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं संस्थान की कुलाध्यक्षा श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने एसजीपीजीआई को बधाई दी है। उनहोने कहा कि यह राज्य के लोगों के लिए गर्व का क्षण है और राज्य और देश के अन्य विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के लिए प्रेरणादायक भी है।नोडल अधिकारी, नैक, प्रोफेसर विनीता अग्रवाल ने बताया कि संस्थान ने मेडिकल विश्वविद्यालयों की मान्यता के लिए NAAC द्वारा आवश्यक सभी दस्तावेज गत वर्ष जून में ही पूरे कर लिए थे और नवंबर 2024 में एक ऑन-साइट टीम ने संस्थान का दौरा किया था। उन्होंने कहा कि संस्थान के हितधारकों द्वारा सभी स्तरों पर उचित मार्गदर्शन, सावधानीपूर्वक योजना, सामूहिक प्रयास और कड़ी मेहनत के कारण ही यह संभव हुआ है। NAAC संस्थान को सात बिंदुओं पर ग्रेड देता है। सात मानदंडों के प्रमुख डॉ. अमित गोयल (प्रथम), डॉ. शुभा फड़के और डॉ. चिन्मय साहू (द्वितीय), डॉ. सीपी चतुर्वेदी (तृतीय), डॉ. धर्मेंद्र भदौरिया और डॉ. आवले रूपाली भालचंद्र (चतुर्थ), डॉ. पुनीता लाल और डॉ. राघवेंद्र एल (V), डॉ. विनीता अग्रवाल (VI), डॉ. नारायण प्रसाद (VII) के साथ IQAC प्रभारी डॉ. राजेश हर्षवर्द्धन, कार्यकारी रजिस्ट्रार लेफ्टिनेंट कर्नल वरुण बाजपेयी, IIQA समन्वयक डॉ. जय किशुन और कई अन्य लोगों ने इस उपलब्धि के लिए कड़ी मेहनत की। संस्थान के निदेशक, ने बताया कि संस्थान उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा शिक्षा, प्रशिक्षण, रोगी देखभाल, अत्याधुनिक अनुसंधान और सामुदायिक आउटरीच के बीच घनिष्ठ अंतर्संबंध पर जोर देता है। संस्थान अपने क्रियाकलापो के सभी पहलुओं में एक बहु-विषयक दृष्टिकोण रखता है। इसका बुनियादी ढांचा अत्याधुनिक है और यह चिकित्सा, शल्य चिकित्सा और पैरा-क्लिनिकल कार्यक्रमों के साथ उन्नत शैक्षिक अवसर प्रदान करता है। योग्य संकाय सदस्यो को स्टैनफोर्ड की वैश्विक रैंकिंग वैज्ञानिकों में दुनिया के शीर्ष 2% वैज्ञानिकों में स्थान दिया गया है और संस्थान को वार्षिक रूप से पर्याप्त अनुसंधान अनुदान प्राप्त होता है। संस्थान ने प्रशासन, शिक्षण, प्रशिक्षण, रोगी देखभाल और अनुसंधान सहित हर क्षेत्र में कई पहल की है। यह देश में कई नए विभाग शुरू करने वाला पहला संस्थान था और यहां अनुसंधान और प्रशिक्षण को प्राथमिकता देते हुए शुरुआती 2-वर्षीय कार्यक्रम के बजाय 3-वर्षीय डीएम/एमसीएच कार्यक्रम का प्रस्ताव रखा गया। bसंस्थान के निदेशक, प्रोफेसर आर के धीमन ने बताया कि संस्थान हमेशा सभी चुनौतियों के सामने खड़ा रहा है ।