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लखनऊ/बहराइच। जिलाधिकारी डा दिनेश चन्द्र द्वारा जिले को हरे चारे में आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास रंग लाता हुआ दिखाई दे रहा है, हरे चारे के प्रबंधन को लेकर जिलाधिकारी द्वारा जो कार्य किये जा रहे हैं उसकी गंूज अब प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी सुनायी दे रही है। जिलाधिकारी के इस अभिनव प्रयोग की खुद मुख्य सचिव भी सराहना कर चुके हैं। अब हरे चारे प्रबंधन यानि नैपियर घास के उत्पादन की पूरी जानकारी एक विडियो के माध्यम से सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे यू-ट्यूब आदि पर अपलोड की जायेगी, जिससे ग्लोबल स्तर पर हरे चारे के लिए पशुपालकों को सही जानकारी मिल सके और उन्हें अपने मवेशियों के लिए हरे चारे के संकट से न जूझना पड़े।
ज्ञात हो कि विगत 16 अगस्त 2022 को प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित वीडियो कांफ्रेंसिंग में जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र गोवंशों के हरे चारे की आपूर्ति सुनिश्चित करने कराने के लिए चारे के रूप में नैपियर घास की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए प्रस्तुतिकरण किया गया था। प्रस्तुतिकरण के दौरान डीएम डॉ. चन्द्र द्वारा बताया था कि गोवंशों के चारे में मुख्यतः सूखा चारा, हरा चारा एवं दाना तीन हिस्से होते हैं। सूखे चारे मे भूसा बहुतायत से पशुओं को खिलाया जाता है, जिसकी कीमत अधिक होती है एवं पोषण तत्व नगण्य होते हैं। इस समस्या के समाधान के लिये मक्का, चरी, बरसीम, जई आदि हरे चारे का प्रयोग कर गोवंशों को खिलाया जाता है, परन्तु यह सभी चारे ऋतु आधारित होते हैं, वर्ष पर्यन्त हरे चारे की आपूर्ति के लिए संकर नैपियर घास गोवंशों के लिए वरदान साबित हो रहा है। वर्चुअल मीटिंग के दौरान मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश, दुर्गा शंकर मिश्र द्वारा डीएम बहराइच के प्रस्तृतिकरण की प्रशंसा करते हुए कहा गया था कि गोवंशों के संवर्द्धन तथा वर्षभर हरा चारा की उपलब्धता के लिए नैपियर घास को लेकर डीएम बहराइच द्वारा किया गया अभिनव प्रयास सराहनीय है। नैपियर घास के क्षेत्र विस्तार से सभी गोवंशों विशेषकर गोआश्रय स्थलों में संरक्षित निराश्रित गोवंशों के लिए वरदान साबित होगी। डीएम डॉ. दिनेश चन्द्र के नवाचार को देखते हुए निर्देश दिया गया है कि अन्य जनपद भी नवाचार का प्रयोग कर इसी प्रकार जनमानस के लाभ के लिए कार्य करें।