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लखनऊ। रिसर्च सोसाइटी फॉर स्टडी आफ डायबिटीज़ इन इंडिया उत्तर प्रदेश शाखा के तत्वाधान में आज डायबिटीज मरीजों के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया। संस्था द्वारा एक प्रदेश, एक दिन और एक हजार पैरों की जांच के लक्ष्य के साथ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। रिसर्च सोसाइटी फॉर स्टडी आफ डायबिटीज एक राष्ट्रीय स्तर की संस्था में शुमार है, संस्था के अध्यक्ष प्रो. अनुज महेश्वरी व सचिव अजय तिवारी डायबिटीज के प्रति लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं।
रिसर्च सोसाइटी फॉर स्टडी आफ डायबिटीज़ इन इंडिया उत्तर प्रदेश शाखा के तत्वाधान में राजधानी लखनऊ में डायबिटीज़ पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया, कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि, महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया ने छोटे इमाम बाड़े के प्रांगण में किया, संस्था द्वारा यहां आयोजित कैंप में 100 मरीजों के पैरों की जांच की गई। वहीं यूपी के मेडिकल कॉलेजों व अन्य अस्पतालों में कैम्प लगाकर लोगों की जांच की गयी। संस्था द्वारा एक प्रदेश,एक दिन, एक हजार पैरों की जांच के सूत्रवाक्य के तहत लोगों की जांच की गयी। प्रो अनुज माहेश्वरी ने डायबिटीज़ के मरीजों को ,नंगे पांव न चलने की हिदायत दी ,और धूम्र पान से बचने की सलाह दी। वहीं प्रो नरसिंह वर्मा ने साल में एक बार पैरों की जांच कराने व शुगर के सख्त नियंत्रण की सलाह दी। संस्था के सचिव डा अजय तिवारी ने बताया की डायबिटिक फुट एक अत्यंत ही गंभीर परेशानी है जो नासूर या पैर कटने (एम्पुटेशन)तक पहुंच सकती है, श्री तिवारी ने बताया कि एक बहुत ही आसान जांच मोनोफिलामंेट टेस्ट के माध्यम से हम पैर की संवेदना जांच कर ,इससे संबंधित बचाव के उपाय मरीज को बता सकते हैं। संस्था के सचिव डा. अजय तिवारी ने बताया कि जिन मरीजों को लम्बे समय तक डायबिटीज रहती है, उसमें कभी कभी संज्ञा शून्यता की स्थिति आ जाती है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए मरीजों को साल में एक बार पैरों की जांच अवश्य करवानी चाहिए। डा. तिवारी ने बताया कि ऐसे मरीजों को जूतों का चुनाव भी सावधानीपूर्वक करना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के चौयरमैन इलेक्ट प्रो अनुज माहेश्वरी व प्रो नरसिंह वर्मा ट्रेजरर,द्वारा की गयी।