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आओ सब मिलकर झूमें गाएं,आजादी का अमृत महोत्सव मनाएं-जय सिंह

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आजादी का अमृत महोत्सव प्रगतिशील स्वतंत्र भारत के 75 साल पूरे होने की ख़ुशी में जश्न मनाने और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद करने के लिए भारत सरकार की एक पहल है। आजादी का अमृत महोत्सव के माध्यम से भारत, अपने लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का जश्न मना रहा है। आजादी का अमृत महोत्सव भारत की प्रगतिशील सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक पहचान का एक अवतार है।
आजादी का अमृत महोत्सवष् की आधिकारिक यात्रा 12 मार्च, 2021 को साबरमती आश्रम से शुरू हुई, जब भारत के माननीय प्रधान मंत्री  नरेंद्र मोदी ने भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 75 सप्ताह लंबे उत्सव को हरी झंडी दिखाई। आज़ादी का यह अमृत महोत्सव 15 अगस्त 2023 तक चलेगा।
हमारे देश भारत को बड़े ही संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली थी. देश को यह आजादी इतनी आसानी से नहीं मिली थी। असंख्य देशप्रेमियों के बलिदान के बाद हमें आजादी नसीब हुई थी।
अतः यह आजादी सभी देशवासियों के लिए बहुमूल्य है. इसी बहुमूल्य आजादी के वर्षों के जश्न का नाम है “आजादी का अमृत महोत्सव” देशभर में यह जश्न एक उत्सव की भांति मनाया जा रहा है।

आजादी के अमृत महोत्सव की शुरुआत

आगामी 15 अगस्त 2022 को आजादी का 75वां वर्ष पूर्ण हो जाएगा. अतः 75 सप्ताह पूर्व ही आजादी का अमृत महोत्सव शुरू हो चुका है।
इस महोत्सव के लिए हर राज्य अपने-अपने स्तर पर तैयारियां कर रहा है. हम सभी जानते हैं कि 12 मार्च 1930 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने नमक सत्याग्रह की शुरुआत की थी। 2020 में नमक सत्याग्रह के 91 वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने साबरमती आश्रम से अमृत महोत्सव की शुरुआत पदयात्रा को हरी झंडी दिखाकर की, इस महोत्सव के कार्यक्रम वर्ष 2023 तक चलेंगे।

आजादी के अमृत महोत्सव का उद्देश्य

आजादी का अमृत महोत्सव मनाने का उद्देश्य लोगों को स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और त्याग के बारे में जानकारी देना है। हमारे इतिहास में बहुत से ऐसे स्वतंत्रता सेनानी हुए जिन्होंने देश पर जान न्यौछावर की, परन्तु हम कुछ ही के नाम जानते हैं. इस महोत्सव के जरिये देश उन गुमनाम नायकों को ढूंढकर उनकी वीरगाथाएं सबके सामने लाएगा।

आजादी का अमृत महोत्सव

आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान बीते 75 साल पर विचार, 75 साल पर उपलब्धियां, 75 पर एक्शन और 75 पर संकल्प शामिल हैं।
जो स्वतंत्र भारत के सपनों को साकार करने के लिए आगे बढ़ने की प्रेरणा देंगे. इस आयोजन के माध्यम से ‘वोकल फॉर लोकल अभियान’ को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है।
देशभर में 75 सप्ताह स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. जिसके जरिए देशभक्ति का संदेश देने और भारतीय संस्कृति की झलक दिखाने की कोशिश की जाएगी। पीएम मोदी के अनुसार, “आजादी का अमृत महोत्सव यानी आजादी की ऊर्जा का अमृत, आजादी का अमृत महोत्सव यानी वीर सेनानियों से प्रेरणाओं का अमृत, आजादी का अमृत महोत्सव यानी नए विचारों का अमृत नए संकल्पों का अमृत, आजादी का अमृत महोत्सव यानी आत्मनिर्भरता का अमृत”। आजादी का महोत्सहव किसी विशेष जाति धर्म अथवा राज्यम के लिए नहीं वरन सम्पूार्ण भारत के लिए महत्वअपूर्ण है। आजादी का अमृत महोत्ससव एक राष्ट्री य महोत्स्व हैं। इस महोत्स व को मनाने के लिए समस्तत राज्योंण विशेष तैयारि करती हैं। आजादी का अमृत महोत्ससव हर स्कूील में कार्यालय में समिति समूह एवं कई प्रकार की संस्थाकन एवं केन्द्रत द्वारा धूमधाम से मनाया जा रहा हैं। इसको मनाया के लिए कई पर रेलियां की जा रही हैं हालांकि इस साल कोरोना के ध्याकन में कुछ प्रतिबंध जरूर रहेंगे।देश के सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रींय ध्व ज फहराये जाते हैं। स्कू्ल कॉलेजों में अनेक सांस्कृेतिक कार्यक्रमों का आयोजन इस अवसर पर किया जा रहा हैं। आजादी का अमृत महोत्सव प्रत्येक देशवासी के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके माध्यम से हम भविष्य पर निगाह रखते हुए देश की आजादी के संघर्ष के गौरवशाली इतिहास को भी याद रखेंगें। इस महोत्सव ने हमें अवसर दिया है कि हम देशवासी अपनी कमजोरियों को जानें व उनका आकलन करें मगर उनसे लज्जित न हों। आत्मसम्मान के साथ आगे बढ़ें. भारत के पास गर्व करने के लिए अथाह भंडार है, समृद्ध इतिहास है, चेतनामय सांस्कृतिक विरासत है जो हमें ऊंची उड़ान भरने के लिए शक्तिशाली पंख देती है। इसीलिए यह आशा की जा सकती है कि यह महोत्सव नई पीढ़ी में लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति सम्मान पैदा करेगा और उनमें आजादी पाने के लिए दिए गए बलिदानों की स्मृति जगाते हुए एक आदर्श समाज की रचना की प्रेरणा देगा। श्आज़ादी का अमृत महोत्सवश् उत्सव पिछले 75 वर्षों में भारत द्वारा की गई तीव्र प्रगति एवं उन्नति के अनुभूति का एक त्योहार। यह त्यौहार हमें अपनी छिपी शक्तियों को फिर से खोजने के लिए प्रोत्साहित करता है और हमें राष्ट्रों के समूह में अपना सही स्थान हासिल करने के लिए ईमानदार, सहक्रियात्मक कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करता है। आज देश में निराशाओं के बीच आशाओं के दीप जलने लगे हैं. एक नई सभ्यता और एक नई संस्कृति करवट ले रही है नये राजनीतिक मूल्यों और नये विचार लिए हुए आजाद मुल्क की एक ऐसी गाथा लिखी जा रही है. जिसके फलस्वरूप देश सशक्त होने लगा है, न केवल भीतरी परिवेश में बल्कि दुनिया की नजरों में भारत अपनी एक स्वतंत्र पहचान लेकर उपस्थित है । अगर देश इसी प्रकार अपनी सांस्कृतिक पहचान को साथ लिए आधुनिकता की राह पर आगे बढ़ता रहा तो अवश्य ही एक दिन भारत विश्वगुरु बनकर महाशक्ति के रूप में खड़ा होगा द्य कुशल विदेश नीति के चलते भारत की विदेशो में साख बनी और भारत ने विदेशो में परचम लहराया । इसी प्रकार भारत अपनी चुनौतियो का सामना करते हुए आज आजादी का अमृत महोत्सवव मना रहा है । “आजादी का ये जश्न हम सब को मिलकर मनाना होगा, जन-जन की भागीदारी से आत्मनिर्भर भारत बनाना होगा”

 

लेखक
जय सिंह,(आईआईएस)
कार्यालय प्रमुख, क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी,राजभाषा अधिकारी
केन्द्रीय संचार ब्यूरो
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय

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