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जयपुर। क्या आप सोच सकते हैं कि अगर एक बच्चे को क्लास में प्यास लगे और वह पानी पी ले तो उसके बदले उसको अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ सकता है। यकीन नहीं हो रहा होगा लेकिन यह सच है। एक प्राइवेट स्कूल में कक्षा तीन के एक दलित छात्र ने जब प्यास लगने पर कक्षा में शिक्षक के लिए अलग रखी मटकी से पानी पी लिया तो शिक्षक ने उसको ऐसा पीटा कि तकरीबन बीस दिन की जद्दोजहद के बाद भी मासूम की जिंदगी डॉक्टर नहीं बचा पाए। जब इस मामले ने तूल पकडऩा शुरू किया तो स्थानीय पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया है और एससी-एसटी एक्ट के तहत हत्या का मुकदमा दर्ज किया है।
इंसानियत को शर्मसार करने वाली यह घटना राजस्थान की है। राजस्थान के जालोर जिले में एक टीचर की हैवानियत देखकर हर कोई हैरान है। जिले के सायला थाना क्षेत्र के सुराणा गांव में 9 साल के तीसरी क्लास में पढऩे वाले एक छात्र ने स्कूल में शिक्षक के मटके से पानी पी लिया था जिसके बाद टीचर ने बेरहमी से छात्र इंद्र कुमार की पिटाई की. घटना के बाद बच्चे की कान की नस फट गई और हालत बिगडऩे से गुजरात के अस्पताल में शनिवार को 25 दिन बाद उसकी मौत हो गई. बच्चा अनुसूचित जाति के परिवार से आता था. घटना के बाद मासूम बच्चे की जान लेने वाला हैवान टीचर गिरफ्तार कर लिया गया है जहां पुलिस ने एससी-एसटी एक्ट और धारा 302 में मामला दर्ज किया गया है. वहीं घटना को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी गहरा दुख जताते हुए मृतक के परिजनों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष से देने का ऐलान किया है.
वहीं पुलिस की ओर से मामले के त्वरित अनुसंधान और दोषी को जल्द सजा देने के लिए केस ऑफिसर स्कीम के तहत चलाने का फैसला किया गया है. इधर घटना के बाद गांव और आसपास के इलाकों में अगले आदेश तक इंटरनेट बंद करने के आदेश भी जारी हुए हैं.
बता दें कि घटना जालोर जिले के सायला थाना क्षेत्र के सुराणा गांव की है जहां सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल में इंद्र कुमार (9 साल) तीसरी कक्षा का स्टूडेंट था. उसी स्कूल में आरोपी टीचर छैलसिंह (40 साल) पढ़ाता था. मिली जानकारी के मुताबिक गांव का यह स्कूल प्राइवेट तौर पर संचालित किया जाता है. घटना के बाद मृतक छात्र के चाचा किशोर कुमार मेघवाल ने सायला पुलिस थाने में एक शिकायत देकर बताया कि उनका भतीजा इंद्र कुमार 20 जुलाई को स्कूल गया था जहां प्यास लगने के बाद उसने पास में रखे एक घड़े से पानी पी लिया. चाचा के मुताबिक यह पानी का घड़ा टीचर छैलसिंह का अलग से रखा हुआ था जिससे कोई पानी नहीं पी सकता था.
परिजनों का आरोप है कि इंद्र कुमार के पानी पीने के बाद टीचर छैल सिंह ने उसे जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया बुरी तरह से पीटा. जिसके कारण बच्चे की पिटाई के बाद उसके दाहिने कान और आंख में अंदरूनी चोटें आई जिसके बाद अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में इलाज के दौरान 13 अगस्त को उसने दम तोड़ दिया. बता दें कि मारपीट की घटना 20 जुलाई की है.
पांच लाख लगा दी जान की कीमत- चंद्रशेखर
घटना के बाद आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा है. आजाद ने कहा कि देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और दूसरी तरफ पानी के मटके को छूने पर एक दलित छात्र को इतना पीटा गया कि उसकी जान ही चली गई. उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी 9 साल के दलित बच्चे को जालोर मे जातिवाद का शिकार होना पड़ा, हमे पानी के मटके को छूने की भी आजादी नही! फिर क्यों आजादी का झूठा ढिंढोरा पीट रहे हैं?
वहीं गहलोत सरकार के मृतक छात्र के परिजनों को आर्थिक सहायता देने पर आजाद ने कहा कि राजस्थान के पूरे दलित समाज को बधाई हो, अशोक गहलोत जी ने हमारे 9 साल के भाई की जान की कीमत 5 लाख रुपये लगाई है. आजाद ने कहा कि मुख्यमंत्री चाहते हैं कि 5 लाख रुपये लो और अपने मुंह पर ताला लगा लो, जब भविष्य में किसी जितेंद्र या इन्द्र की हत्या हो तब रोना और चिल्लाना. चंद्रशेखर ने गहलोत सरकार पर न्याय में दोहरे मापदंड अपनाने का भी आरोप लगाया.
आम आदमी पार्टी ने साधा निशाना
वहीं आप सांसद संजय सिंह ने घटना पर कहा कि भेद-भाव का यह कलंक जब तक इस देश के माथे पर रहेगा ये देश कभी आगे नही बढ़ सकता है. उन्होंने कहा कि मासूम इंद्रकुमार का गुनाह सिर्फ़ इतना था की उसने सवर्ण शिक्षक के मटके से पानी पी लिया, अशोक गहलोत जी आपके राज्य में ऐसी घटनाओं की बाढ़ आ गई है..शर्म करो चुल्लू भर पानी में नाक रगड़ लो
इसके अलावा कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने घटना पर कहा कि सरस्वती विद्या मंदिर में गुरू जी को एक दलित छात्र द्वारा उनके घड़े में से पानी पीने पर इतना ग़ुस्सा आया की उसकी हत्या कर दी.
भाजपा के राडार पर गहलोत सरकार
वहीं घटना के बाद बीजेपी के राजस्थान के मुखिया सतीश पूनिया ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि गहलोत के राज में एक वंचित वर्ग का छात्र सुरक्षित नहीं है और जालौर की घटना प्रदेश के माथे पर कलंक है. पूनिया ने मांग की है कि मुख्यमंत्री को पीडि़त परिवार की सहायता कर दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए.