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नई दिल्ली। चार्ल्स तृतीय को आज यानी शनिवार को सेंट जेम्स पैलेस में एक ऐतिहासिक समारोह में आधिकारिक रूप से ब्रिटेन का ‘किंग’ घोषित किया गया है. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के सबसे बड़े बेटे 73 वर्षीय चार्ल्स अपनी मां के निधन के बाद स्वाभाविक रूप से ही सम्राट बन गए थे. लेकिन औपचारिक रूप से वह आज ब्रिटेन के सम्राट बने हैं. महारानी एलिजाबेथ के निधन के 24 घंटों के भीतर पारंपरिक रूप से राज्याभिषेक संबंधी एक परिषद की बैठक बुलाई जाती है. हालांकि महारानी के निधन की घोषणा में विलंब होने की वजह से इस समारोह को शुक्रवार को आयोजित करने का वक्त नहीं मिला था, इसलिए ताजपोशी का कार्यक्रम आज आयोजित किया गया. ताजपोशी के दौरान किंग चार्ल्स महारानी एलिजाबेथ को याद कर भावुक भी हुए. किंग चार्ल्स तृतीय की नई उपाधि की सार्वजनिक घोषणा करने की प्रक्रिया कई चरणों में पूरी हुई. दिवंगत महारानी के निधन से शोक में झुके ध्वज नए सम्राट के राज्याभिषेक की घोषणा के बाद पूरी तरह फहराए गए. इस कार्यक्रम का पहली बार टेलीविजन पर लाइव प्रसारण भी किया गया. राज्याभिषेक संबंधी परिषद में कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री, न्यायाधीश और चर्च ऑफ इंग्लैंड से लोग शामिल होते हैं. परिषद में सम्राट चार्ल्स ने महारानी के निधन की निजी तौर पर घोषणा की और चर्च ऑफ स्कॉटलैंड की रक्षा की शपथ ली.
चार्ल्स के सम्राट बनने के बाद अब उनकी पत्नी कैमिला क्वीन कंसोर्ट बन गई हैं. जबकि सम्राट के बेटे विलियम को प्रिंस ऑफ वेल्स की उपाधि मिल गई है. इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि वह ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे. बाइडेन ने शुक्रवार को कहा, ‘हां, मुझे (कार्यक्रम की) विस्तार से जानकारी नहीं है, लेकिन मैं जाऊंगा.’ उनसे सवाल किया गया था कि क्या वह महारानी के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे या नहीं. बाइडेन ने एक अन्य सवाल के जवाब में बताया कि उन्होंने महाराजा चार्ल्स किंग्स तृतीय से अभी तक बात नहीं की है. उन्होंने कहा, ‘मैं उन्हें जानता हूं. मैंने अभी उनसे बात नहीं की है.’
वहीं, ब्रिटेन के बैंक नोट और सिक्कों पर दशकों से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की तस्वीर लगी है. उनका चित्र दुनियाभर में दर्जनों अन्य देशों की मुद्राओं पर भी है जो कि ब्रिटिश साम्राज्य के औपनिवेशिक प्रभाव का द्योतक है. महारानी के निधन के बाद ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और अन्य देशों को अपनी मुद्रा में परिवर्तन करने में वक्त लगेगा, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि एलिजाबेथ के चित्र वाले नोट और सिक्के नहीं चलेंगे. मुद्रा पर अब महारानी की जगह राजा चार्ल्स तृतीय की तस्वीर होगी, मगर यह तत्काल संभव नहीं. बैंक ऑफ इंग्लैंड ने कहा, ‘वर्तमान में महारानी के चित्र वाली मुद्रा कानूनी तौर पर मान्य रहेगी.’ आधिकारिक तौर पर 10 दिवसीय राष्ट्रीय शोक के बाद ब्रिटेन के ‘केंद्रीय बैंक’ द्वारा मुद्रा के संबंध में घोषणा की जाएगी.