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पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने का पूरा रोडमैप तैयार

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नई दिल्ली। 22 सितंबर को 15 राज्यों में पीएफआई के ठिकानों पर एनआईए के द्वारा छापेमारी की गई थी. छापेमारी के बाद पीएफआई के सदस्यों के पास से कई संदिग्ध सामान बरामद हुआ है। केंद्रीय गृह मंत्रालय पीफआई पर प्रतिबंध लगाने के लिए पूरी तरह तैयार है। गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 1967 की धारा 35 के तहत पहले से ही 42 आतंकवादी संगठनों पर प्रतिबंध है। अब पीएफआई को इस सूची में शामिल किया जा सकता है। पीएफआई के कई सदस्यों को देशभर से गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के खिलाफ कई जगहों पर विरोध भी हो चुका है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी अपने एक कार्यक्रम में पीएफआई में हो रही गतिविधियों का जिक्र किया था.
यूएपीए 1967 एक्ट के तहत पीएफआई को भी आतंकी संगठन माना जाएगा। इस कानून के तहत किसी भी व्यक्ति या समूह के खिलाफ कार्रवाई की जाती है जो आतंकवादी संगठन से संबंधित है, किसी भी रूप में आतंकवादी गतिविधि में शामिल है, आतंकवाद को बढ़ावा देता है। मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, पीएफआई अध्यक्ष सहित 106 से अधिक पीएफआई संदिग्धों की प्रारंभिक पूछताछ के आधार पर, प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों ने यूएपीए अधिनियम के तहत तथाकथित सामाजिक-धार्मिक संगठन पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश करने जा रही है।

राष्ट्रीय सुरक्षा योजनाकार इस्लामिक संगठन पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश करने से पहले पीएफआई नेताओं की गिरफ्तारी और हिंसा के बाद जुटाए गए सबूतों की कानूनी जांच कर रहे हैं। एनआईए के अनुसार, यह संगठन अलकायदा, पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा सहित वैश्विक कट्टरपंथी जिहादी समूहों के लिए भारत में भर्ती करता है। पीएफआई संदिग्धों की न्यायिक रिमांड की मांग करते हुए, एनआईए ने अपने आवेदन में जमानत का विरोध किया और तर्क दिया कि आरोपी फरार हो जाएंगे और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करेंगे क्योंकि वे अत्यधिक प्रभावशाली थे।
एनआईए ने कहा कि जांच से पता चला है कि आरोपियों ने अपने गुप्त संचार के लिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया है। केंद्रीय एजेंसी ने बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए छापेमारी के दौरान जब्त किए गए डिजिटल उपकरणों का फोरेंसिक विश्लेषण करने के लिए न्यायिक रिमांड की मांग की थी। 22 सितंबर से छापेमारी चल रही है। खुफिया एजेंसियों ने पाया है कि पीएफआई-एसडीपीआई नेटवर्क भाजपा और आरएसएस के शीर्ष नेताओं को निशाना बनाने की योजना बना रहा था।
केरल पुलिस ने रविवार को यहां पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के परिसरों में छापेमारी की और मोबाइल फोन और लैपटॉप सहित विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए। पुलिस ने कहा कि कन्नूर के पुलिस उपायुक्त के. रत्नकुमार के नेतृत्व में शाम 5 बजे छापेमारी की गई और दो घंटे से अधिक समय तक तलाशी चलती रही। कन्नूर शहर पुलिस ने पीएफआई नेताओं के आवास पर छापा मारा। पप्पिनीसेरी, वलपट्टनम, इरिट्टी, मट्टनु और कन्नापुरम पुलिस थानों ने भी अपने थाना क्षेत्रों में छापेमारी की। पुलिस ने लैपटॉप, बैंक खातों से जुड़े दस्तावेज और मोबाइल फोन जब्त किए हैं।
दिल्ली की एक अदालत ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की दिल्ली इकाई के तीन कार्यकर्ताओं को नकद दान की आड़ में मनी लॉन्ड्रिंग में उनकी कथित भूमिका के लिए सात दिनों के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया है। अदालत तीन आरोपियों- पीएफआई दिल्ली के अध्यक्ष परवेज अहमद, महासचिव मोहम्मद इलियास और कार्यालय सचिव अब्दुल मुकीत के लिए दो सप्ताह की हिरासत की मांग करने वाली ईडी की अर्जी पर सुनवाई कर रही थी। विशेष न्यायाधीश (एनआईए) शैलेंद्र मलिक ने 23 सितंबर के एक आदेश में कहा, अब तक की गई जांच पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद, मैंने पाया कि जांच अभी भी प्रारंभिक चरण में है और इसका विवरण, इसके इरादे और उपयोग के विवरण, उस धन के स्रोत का पता लगाने की आवश्यकता है।

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