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निकाय चुनाव बना दिग्गजों की प्रतिष्ठïा का सवाल

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आज निकाय चुनाव के पहले चरण का मतदान है। इसे 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव का सेमिफाइनल माना जा रहा है। ऐसे में प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्ष के नेताओं ने अपने उम्मीदवारों को जिताने के लिए पूरी ताकत लगाई है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीते 7 दिनों में 26 रैलियां की हैं। डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने 15 तो बृजेश पाठक ने 13 जिलों में प्रचार किया। जबकि प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गोरखपुर, लखनऊ और सहारनपुर में मेयर प्रत्याशियों के समर्थन में वोट की अपील की।
पहले चरण की बात करें तो 37 जिलों के 10 महापौर सीटों पर होने वाले चुनाव में उत्तर प्रदेश के दोनों डिप्टी सीएम समेत 12 से ज्यादा मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। शाहजहांपुर सीट पर पहली बार महापौर का चुनाव हो रहा है इसलिए संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने यहां पर सबसे ज्यादा ताकत लगाई है।
प्रयागराज में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य तो लखनऊ में बृजेश पाठक चुनाव प्रचार की कमान संभाले दिखाई पड़े। वहीं, अन्य जिलों में मंत्रियों को जीत की जिम्मेदारी दी गई थी।
बसपा-आप-कांग्रेस नहीं आए मैदान में
निकाय चुनाव के प्रथम चरण में बसपा सुप्रीमो मायावती ने बस ट्विटर के जरिए ही अपने वोटरों को संदेश दिया। मायवती ने कहा, ”बीजेपी-सपा के बहकावे में न आएं।” वहीं, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने सभी नगर निगम में अपने प्रत्यासी तो खड़े किए लेकिन किसी ने भी जनसभाएं नहीं की। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वैसे तो उत्तर प्रदेश से जुड़े मुद्दों को लेकर काफी मुखर रहती है लेकिन निकाय चुनाव में वो भी मैदान से बाहर रही।
मोदी के संसदीय क्षेत्र पर सभी की नजर
वाराणसी नगर निगम पीएम नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है। ऐसे में प्रदेश के साथ ही साथ देश में भी सभी की नजर रहेगी। वाराणसी क्षेत्र से उत्तर प्रदेश सरकार के तीन मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु, रविंद्र जयसवाल और अनिल राजभर आते हैं। वाराणसी का प्रभाव प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह को दिया गया है। यहां पर तीनों मंत्रियों की साख दांव पर लगी हुई है। यही कारण रहा कि मुख्यमंत्री, दोनों उपमुख्यमंत्री, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष समेत बीजेपी के संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।
आगरा, मुरादाबाद, झांसी नगर निगम पर भी जीत होगी अहम
आगरा मेयर का पद अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित किया गया है आगरा से उत्तर प्रदेश के तीन मंत्री आते हैं जिसमें सबसे बड़ा नाम महिला एवं बाल विकास मंत्री बेबी रानी मौर्य का है तो वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति भी इसी क्षेत्र से आते हैं। आगरा के प्रभाव प्रधानमंत्री के बेहद करीबी माने जाने वाले उत्तर प्रदेश के मंत्री अरविंद शर्मा के हाथों में है। वहीं, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी मुरादाबाद क्षेत्र से आते हैं। यही कारण है कि उनकी प्रतिष्ठा भी अब दांव पर लगी हुई है। मुरादाबाद के प्रभारी मंत्री के तौर पर जितिन प्रसाद को जिम्मेदारी सौंपी गई । झांसी नगर निगम को अनुसूचित जाति के लिए अनारक्षित किया गया है। इसकी कमान महिला एवं बाल कल्याण मंत्री बेबी रानी मौर्य को दी गई है।
पश्चिम की नगर पालिका पर भी कई मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर
सहारनपुर नगर पालिका की सीट पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित की गई थी उत्तर प्रदेश के दो राज्यमत्री बृजेश सिंह और जसवंत सैनी क्षेत्र से आते हैं। लिहाजा, इन दोनों मंत्रियों की भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। इसके साथ ही साथ उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय को सहारनपुर का प्रभार मिला हुआ है। वहीं, मथुरा वृंदावन की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार के गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मीनारायण के साथ ही बेसिक शिक्षा के राज्यमंत्री संदीप सिंह को प्रभारी नियुक्त किया गया है। तो वही मुजफ़्फ़ऱ नगर पालिका में कपिल देव अग्रवाल, रामपुर नगर पालिका में बलदेव सिंह औलख और देवरिया नगर पालिका में सूर्य प्रताप शाही की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।

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