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नई दिल्ली। मौजूदा विश्व कप में भारत से मिली करारी हार के बाद सोमवार को श्रीलंका क्रिकेट (एसएलसी) बोर्ड को बर्खास्त कर दिया गया। भारत ने दो नवंबर को मुंबई में खेले गए मैच में श्रीलंका को 302 रन से करारी शिकस्त दी थी। इसके बाद से ही लोगों में आक्रोश था तथा रणसिंघे शम्मी सिल्वा के नेतृत्व वाले एसएलसी प्रबंधन से त्यागपत्र देने की मांग की जा रही थी। इसके बाद ही यह कार्रवाई की गई। इस हार के बाद से एसएलसी परिसर में कई बार प्रदर्शन किए गए और सिल्वा की अगुवाई वाले प्रबंधन से इस्तीफा देने की मांग की गई। इस कारण इमारत के बाहर पुलिस को भी तैनात किया गया।
खेल मंत्री रोशन रणसिंघे ने पूर्व विश्व कप विजेता कप्तान अर्जुन रणतुंगा की अध्यक्षता में एक अंतरिम सात सदस्यीय समिति नियुक्त की है। खेल मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि समिति की नियुक्ति 1973 के खेल कानून संख्या 25 के तहत की गई है। समिति में तीन सेवानिवृत्त न्यायाधीश और पूर्व एसएलसी अध्यक्ष उपाली धर्मदासा भी शामिल हैं। इस तरह से रणतुंगा की लंबे समय बाद श्रीलंका क्रिकेट में वापसी हुई है। वह इससे पहले 2008 में इसी तरह की अंतरिम समिति के अध्यक्ष थे।
नए सात सदस्यीय पैनल में सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड जज और बोर्ड के एक पूर्व अध्यक्ष भी शामिल हैं। रणसिंघे ने पिछले सप्ताह विश्व कप में मेजबान भारत के हाथों श्रीलंका की 302 रन की हार के बाद सार्वजनिक रूप से पूरे बोर्ड के इस्तीफे की मांग की थी। भारत के 358 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए श्रीलंका की टीम एक समय 14 रन पर छह विकेट गंवा दिए थे और 55 रन पर सिमट गई थी, जो विश्व कप के इतिहास में चौथा सबसे कम स्कोर है।