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नई दिल्ली। एमसीडी चुनाव के रुझानों में आम आदमी पार्टी इतिहास रचती दिख रही है। कड़े मुकाबले में वह बीजेपी से आगे दिख रही है और रुझानों में बहुमत के जादुई आंकड़े 126 को पार कर चुकी है। इस तरह एमसीडी की सत्ता में पिछले 15 वर्षों से काबिज बीजेपी को अरविंद केजरीवाल की पार्टी बेदखल करती दिख रही है। एमसीडी चुनाव में बीजेपी ने पसमांदा कार्ड खेलते हुए 4 पसमांदा मुस्लिमों को उम्मीदवार बनाया था। इनमें से तीन महिलाएं थीं। पसमांदा मुस्लिमों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक लिहाज से सबसे पिछड़ा माना जाता है। इनमें अंसारी, कुरैशी, मंसूरी, सिद्दीकी जैसी 41 जातियां आती हैं। एमसीडी चुनाव में बीजेपी का कोई भी मुस्लिम उम्मीदवार जीतता नजर नहीं आ रहा। आइए देखते हैं उन सीटों पर काउंटिंग का हाल जहां बीजेपी ने पसमांदा को टिकट दिया था।
बीजेपी ने मटिया महल विधानसभा सीट के तहत आने वाले चांदनी महल वार्ड से पसमांदा मुस्लिम इरफान मलिक को टिकट दिया था। रुझानों में यहां आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार आगे हैं। कांग्रेस से यहां मोहम्मद हामिद उम्मीदवार हैं।
बीजेपी ने सीलमपुर विधानसभा सीट के तहत आने वाले चौहान बांगर वार्ड संख्या 227 से सबा गाजी को मैदान में उतारा था। उन्हें मुंह की खानी पड़ी है। कांग्रेस की शगुफ्ता चौधरी ने यहां से जीत हासिल की है। आम आदमी पार्टी ने यहां से आसमा रहमान को टिकट दिया था लेकिन बाजी कांग्रेस के हाथ लगी।
बीजेपी ने बल्लीमारान विधानसभा सीट के तहत आने वाले कुरैश नगर वार्ड से पसमांदा मुस्लिम शमीना राजा पर दांव खेला था। उसे भरोसा था कि यहां पसमांदा कार्ड काम कर जाएगा लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है। कुरैश नगर से आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार शमीम बानो आगे चल रही हैं। कांग्रेस ने यहां अरफा को उम्मीदवार बनाया था।
मुस्तफाबाद विधानसभा सीट के तहत आने वाले मुस्तफाबाद वार्ड संख्या 243 से भी बीजेपी ने पसमांदा उम्मीदवार उतारा है। यहां से बीजेपी कैंडिडेट शबनम मलिक पीछे चल रही हैं। कांग्रेस की सबीला बेगम मुस्तफाबाद से आगे चल रही हैं। यहां कुल 9 उम्मीदवार मैदान में थे। आम आदमी पार्टी ने यहां नसरीन अख्तर पर भरोसा जताया था।