लखनऊ। विज्ञान भारती अवध प्रांत व पायनियर मान्टेसिरी स्कूल ने संयुक्त रूप से दुनिय के महान वैज्ञानिकों में से जगदीश चंद्र बसु का जन्मदिन विद्यालय की एल्डिको ब्रांच में मनाया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रोफेसर वेकटेश दत्ता, तथा विशिष्ठï अतिथि के तौर प्रोफेसर नीरज तिवारी व राजकमल ने शिकरत की। इस अवसर पर शाखा की प्रधानाचार्या श्रीमती शर्मिला सिंह, डॉ. उमा बाजपेयी सहित बड़ी तदाद में शिक्षक व छात्र मौजूद रहे। डॉ. बाजपेयी ने इस अवसर पर अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि ने श्री दत्ता ने डॉ. बसु के जीवन और अनुंसाधन पर प्रकाश डाला। श्री दत्ता ने बताया कि सबसे पहले श्री बसु ने ही बताया था कि पेड़, पौधों में जान होती है उनका भी अपना जीवन होता है उनमें भी भावनाएं होती हे। पौधे भी आम लोगों की तरह-तरह के अलग व्यवहार करने वाले होते हें। उनके इस रोचक व्याख्यान ने विद्यालय के छात्रों को विज्ञान के प्रति और भी उत्सुक किया। विज्ञान भारती के सचिव नीरज तिवारी ने संस्था के लक्ष्यों और उददेश्यों के प्रति छात्रों को जागरुक किया। वहीं दूसरी ओर संस्था के विज्ञान संचालक राजकमल ने समाज में व्याप्त अंधविश्वास के प्रति बच्चों को जागरुक किया, उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की घटना के पीछे एक वैज्ञानिक आधार हेाता है। जिसको जानना व समझना चाहिए।
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती सिंह ने बच्चों को बताया कि डॉ. बसु देश के जानेमाने वैज्ञानिक तो थे ही उनका दुनिया भर में बहुत सम्मान था। उनहोंने विज्ञान जगत को एक नई दिशा प्रदान की है। जिसका आज भी अनुसरण करते है।