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मणिपुर में हिंसा के बाद सेना की हुई तैनाती, गृह मंत्री अमित शाह ने लिया हालात का जायजा

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नई दिल्ली। मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में हुई हिंसा के बाद पांच दिनों के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया। अब इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए सेना को तैनात कर दिया गया है। सेना ने बताया है कि मणिपुर में सिविल एडमिनिस्ट्रेशन ने सुरक्षा को लेकर अनुरोध किया था। इसके बाद सेना/असम राइफल्स ने 3 मई की शाम को सभी प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में यूनिट को तैनात कर दिया है। लोगों को बाहर निकालकर सुरक्षित इलाकों में ले जाया जा रहा है, ताकि कानून-व्यवस्था बहाल हो सके।
वहीं, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा है कि पिछले 24 घंटे के दौरान कुछ जगहों पर हिंसा और तोडफ़ोड़ की घटनाएं सामने आई हैं। ऐसा हमारे समाज के दो गुटों के बीच गलतफहमी की वजह से हुआ है। राज्य सरकार हालात को काबू में करने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही है।
मणिपुर सरकार ने इससे पहले बताया था कि राज्य में पांच दिनों के लिए इंटरनेट बंद कर दिया। दरअसल, युवाओं और अलग-अलग समुदायों के वॉलंटियर्स के बीच झड़प देखने को मिली थी। इस झड़प की शुरुआत कुछ यूं हुई कि ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयू) मणिपुर ने मैतेई/मीतेई को अनुसूचित जनजाति कैटेगरी में शामिल करने की मांग के विरोध में एक रैली निकाली। इस रैली के बाद ही झड़प की घटना देखने मिली। वहीं, सेना ने हिंसा-प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च भी निकाला है।
मणिपुर में हो रहे आगजनी और उत्पात को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से बात की है। उन्होंने घटना और उसके बाद हुए आगजनी पर पूरी रिपोर्ट मांगी है।मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए मणिपुर में एक्स्ट्रा फोर्स भेजा जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया है कि फिलहाल शांति व्यवस्था को बरकरार रखने के लिए मणिपुर के आठ जिलों में कफ्र्यू लगा दिया गया है। हिंसा की वजह से इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है। दरअसल, ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर ने आदिवासी एकता मार्च निकाला। ये मार्च मैतेई समुदाय को एसटी कैटेगरी में शामिल करने की मांग के खिलाफ निकाला गया। मार्च का आयोजन चुरचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में हुआ, जहां पर हिंसा भडक़ उठी।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि रैली में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। इस दौरान जनजातीय और गैर-जनजातीय लोगों के बीच झड़प हुई। हालात इस कदर खराब हो गए कि पुलिस को कई राउंड आंसू गैस के गोले दागने पड़े, ताकि भीड़ को काबू किया जा सके। पुलिस का कहना है कि हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने अपने-अपने घरों में लौटना शुरू कर दिया है।

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